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जिस नन्हें हाथी का वन विभाग ने किया इलाज, उसी ने ली मासूम बच्ची की जान

धमतरी जिले में एक नन्हें हाथी ने चार साल की मासूम बच्ची की जान ले ली. कैसे यह घटना हुई. पढ़िए पूरी रिपोर्ट

Elephant Terror In Dhamtari
हाथी के हमले में मासूम बच्ची की मौत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 17 hours ago

Updated : 15 hours ago

धमतरी : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां घर में सो रही एक 4 साल की मासूम बच्ची को हाथी के बच्चे ने घर से निकालकर मार डाला. घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है. वहीं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.

हाथी ने 4 साल की बच्ची को मारा :यह घटना नगरी ब्लॉक के रिसगांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत आमाबाहरा गांव की है, जहां एक हाथी ने इंसानों पर हमला कर दिया. आमाबाहरा गांव में मंगलवार की रात एक हाथी का बच्चा घुसा. गांव में एक कमार परिवार के झोपड़ीनुमा मकान में महुआ रखा था और परिवार अपनी 4 साल की बच्ची के साथ सो रहा था. हाथी ने महुआ के लालच में झोपड़ी के छप्पर के बीच से अपनी सूंड अंदर डाली, लेकिन महुआ की जगह बच्ची सूंड में पकड़ी गई. इसके बाद हाथी ने बच्ची को झोपड़ी से खींच निकाला और पटक पटक कर मार डाला. इस घटना के बाद इलाके में दहशत है.

हाथी का आतंक बना काल (ETV BHARAT)

परिजनों को दिया गया मुआवजा : घटना की सूचना पर वन अमला 11:30 बजे रात में ग्राम आमाबहार पंहुचा. वहीं, उपनिदेशक ने अगली सुबह मौके पर पहुंचकर परिजनों को वार्ड पंच के सामने तत्कालिक सहायता राशि 25000 रूपये दिया. इसके बाद पार्थिव शरीर को पोस्ट मार्टम के लिए नगरी भेजा गया.

सीतानदी टाइगर रिजर्व रेंज के डीएफओ का बयान (ETV Bharat)

मृतक बच्ची का नाम राधा कमार है. घटना के बाद वन विभाग ने पीड़ित परिवार को तत्काल 25 हज़ार रुपये की सहायता दी है, नियमों के मुताबिक आने वाले दिनों में और बड़ी सहायता राशि दी जाएगी: वरुण जैन, डीएफओ, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व रेंज

आसपास के गांवों में हाई अलर्ट :मंगलवारको हाथी मित्र दलों ने हाथी को देखने के बाद लगभग 5:30 बजे Alert app में जानकारी दी थी. जिसके बाद ग्राम आमाबहार के साथ ही आसपास के रिसगांव, मेचका, सान्दबहरा, चमेंदा, साल्हेभाट, एकवारी, खल्लारी और गाताबाहरा के ग्रामीणों को वॉइस कॉल और एसएमएस अलर्ट भेजा गया था. इसके अलावा संभावित गांवों में मुनादी भी कराई गई थी. वहीं अब लोगों को अपने कच्चे घरों में महुवा या धान न रखने की समझाइश दी जा रही है. हाथी ट्रैकिंग एवं मॉनिटरिंग ड्यूटी से नदारद रहने वाले वन रक्षकों एवं एसडीओ सीतानदी पर कार्रवाई की जा रही है.

उपनिदेशक ने परिजनों को दिया मुआवजा (ETV Bharat)

इसी हाथी का वन विभाग ने किया था इलाज : खास बात यह है कि हमलावर हाथी वही है, जो कुछ दिन पहले शिकारियों के लगाए पोटाश बम की चपेट में आकर घायल हो गया था. वन विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद इस घायल हाथी को ट्रेंक्यूलाइस्ड किया और इलाज किया. वन विभाग ने इस हाथी का नाम अघहन रखा था. ठीक होने के बाद यही अघहन हाथी अब इंसानों पर हमलावर हो गया है.

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Last Updated : 15 hours ago

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