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हमारी नहीं तो अपने पिता की बात को मानें हेमंत सोरेन, पेड़ पर चढ़ने वालों को पुलिस में करें बहाल: बाबूलाल मरांडी - Excise constable recruitment - EXCISE CONSTABLE RECRUITMENT

Babulal Marandi in Palamu. अब तक एक दर्जन से अधिक उत्पाद सिपाही अभ्यर्थी की मौत हो चुकी है. इसे लेकर पूरे राज्य में राजनीति गर्म है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन को उनके पिता शिबू सोरेन की बात मानने की सलाह दी है.

Babulal Marandi said- recruit tree climbers in police
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 2, 2024, 4:34 PM IST

पलामू: हेमंत सोरेन हमारी नहीं तो अपने पिता की बात को मानें, पेड़ पर चढ़ने वाले युवाओं को पुलिस में भर्ती करें. यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कही है. बाबूलाल मरांडी पलामू में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन ने कहा था कि उनके सत्ता में आने के बाद पुलिस बहाली के लिए दौड़ परीक्षा नहीं ली जाएगी. जो युवा पेड़ पर चढ़ जाएगा उसे पुलिस की नौकरी दी जाएगी.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (ईटीवी भारत)

हेमंत सोरेन अपने पिता की बात को मानें और पेड़ पर चढ़ने वाले को नौकरी दें. हमारी बात को नहीं मानते हैं कम से कम पिता की बात को मान लें. झारखंड में उत्पाद सिपाही बहाली के दौड़ को लेकर बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उत्पाद सिपाही के 573 पदों पर भर्ती होनी है. अब तक 14 अभ्यर्थी और एक पुलिस जवान की मौत हुई है.

आंकड़ों के हिसाब से जितने पदों की भर्ती होनी है उसके ढाई प्रतिशत के करीब अभ्यर्थियों की मौत हो गई है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की सरकार अंतिम समय में बहाली ले रही है और युवाओं को मौत के मुंह में धकेल रही है. उत्पाद सिपाही कौन से ऐसे अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करवाने वाले हैं जिसके लिए उन्हें एक घंटे में 10 किलोमीटर की दौड़ लगवाई जा रही है. बहाली के दौरान कुव्यवस्था बच्चों की मौत के लिए सजाई गई.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने कुछ लड़कों से बात की थी एडमिट कार्ड जारी होने के 15 दिनों के अंदर ही दौड़ शुरू हो गई है. तैयारी के लिए कम से कम तीन महीने का वक्त दिया जाना चाहिए था. हेमंत सोरेन को युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था.

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