रांची:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पिछले 9 माह से राज्य के 34 लाख आदिवासी, दलित और ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है. इसकी वजह से लाखों बच्चों की पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है. बाबूलाल मरांडी का यह भी आरोप है कि पिछले 7 माह से ग्रीन राशनकार्ड धारकों को अनाज नहीं मिला है. गरीब परिवार भूखमरी की कगार पर हैं.
बाबूलाल मरांडी ने इसके लिए राज्य सरकार की मंईयां सम्मान योजना को जिम्मेवार ठहराया है. उनका कहना है कि इस योजना के भुगतान के लिए बच्चों की छात्रवृत्ति, बुजुर्गों का पेंशन और गरीबों का राशन छीनने के लिए राज्य सरकार मजबूर हो गयी है. दूसरी ओर विभागों की राशि सरेंडर करा कर विकास योजनाओं को रोक दिया गया है.
बाबूलाल मरांडी ने इसे हेमंत सरकार की आर्थिक कुप्रबंधन और प्रशासनिक विफलता का सबूत बताया है. उनका कहना है कि समाज के एक वर्ग को संतुष्ट करने के लिए बाकी सारे वर्ग के अधिकारों की बलि कैसे चढ़ाई जा सकती है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोशल मीडिया पर टैग करते हुए छात्रवृत्ति और गरीबों को राशन सुनिश्चित कराने की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी के इन सवालों पर मुख्य सत्ताधारी दल झामुमो ने जवाबी हमला बोला है. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय का कहना है कि विपरीत हालात में 55 लाख लाभुकों को मंईयां सम्मान के तहत 2,500 रुपया दे दिया गया है. इसका जिक्र भी करना चाहिए. केंद्र सरकार 1.36 लाख करोड़ दबाकर बैठी है. इसपर कुछ क्यों नहीं बोलते.
झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि राशन मिल रहा है. बाबूलाल मरांडी गलत बयानबाजी कर रहे हैं. कहीं गतिरोध होगा, उसे सरकार दूर करेगी. उन्होंने बाबूलाल मरांडी पर चुटकी लेते हुए कहा कि पार्टी के अंदर जगह पाने के लिए लड़ना है तो लड़ें लेकिन सरकार पर गलत टिप्पणी ना करें.