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अयोध्या रामायण मेला; सीएम योगी बोले-500 साल पहले जो बाबर ने किया, वही आज उनके DNA वाले संभल-बांग्लादेश में कर रहे - CM YOGI ADITYANATH

Ayodhya News: सामाजिक एकता को छिन्न-भिन्न करके काटने बांटने वाले विदेश में प्रॉपर्टी खरीद रखे हैं, ताकि जरूरत पड़े तो वहां भाग जाएं.

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अयोध्या के रामायण मेले का उद्धाटन करके सभा को संबोधित करते सीएम योगी. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 1:56 PM IST

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में 4 दिवसीय रामायण मेले का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर बड़ा बयान दिया. कहा, देश में भी कुछ असामाजिक तत्व बांग्लादेश की तरह सामाजिक एकता को छिन्न-भिन्न करके काटने और बांटने का इंतजाम कर रहे हैं. ऐसे लोग विदेश में भी प्रॉपर्टी खरीद रखे हैं, ताकि जरूरत पड़े तो वहां भाग जाएं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरे भारत को जोड़ने का कार्य भगवान राम ने किया था. समाज को जोड़ने का कार्य और सामाजिक संगठन के माध्यम से राष्ट्र की एकता और अखण्डता को मजबूत किया था. कृष्णगंधा का राज्य जीतते हैं लेकिन राज्याभिषेक सुग्रीव का करते हैं. लंका को जीतते हैं और राज्याभिषेक विभीषण का करते हैं. यह है श्रीराम का आदर्श और इसीलिए आज हम सब यहां पर आए हैं. भगवान राम यह सब करने में इसीलिए सफल थे क्योंकि उन्हें जोड़ना आता था.

इस जोड़ने के कार्य को हमने महत्व दिया होता सामाजिक समरसता को आगे बढ़ाने और समाज को तोड़ने की और उनकी रणनीति को सफल नहीं होने देते तो यह देश कभी गुलाम नहीं होता. हमारे तीर्थ अपवित्र नहीं होते. चंद मुट्ठी भर आक्रांत आकर भारत को प्रचलित करने का दुस्साहस नहीं कर पाते. हमारी आपसी एकता में बाधा पहुंचाने वाले लोग सफल रहे. उन्हीं के DNA वाले आज भी जाति के नाम पर सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास कर रहे हैं.

अयोध्या में जो काम 500 साल पहले बाबर के एक सिपेहसालार ने किया था, वही काम आज संभल और पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रहा है. इन सबका DNA एक जैसा है. सामाजिक एकता को तोड़कर समाज को बांटने और काटने का पूरा इंतजाम भी कर रहे हैं. यह बांटने वाले लोग बहुत सारे ऐसे हैं जो दुनिया के अंदर तमाम देशों में प्रॉपर्टी खरीद कर रखे हैं.

यहां संकट आएगा तो वहां भाग जाएंगे और मरने-मारने वाले मरते रहेंगे. इसीलिए आज मैं सबसे कहने आया हूं कि मन में प्रभु को अपना आराध्य माना है उनके प्रति समर्पण का भाव है, यह तब तक अधूरी है जब तक उनके कुछ आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त करके अपने जीवन को उसके अनुरूप ना ढाल लें.

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