लखनऊ:समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर स्पेशल टास्क फोर्स पर (STF) पर योगी सरकार को घेरा है. अखिलेश यादव ने एसटीएफ में तैनाती को लेकर X पोस्ट पर लिखा है कि "सरेआम ठोको फोर्स’ में तैनात लोगों का आंकड़ा बता रहा है कि ये तथाकथित ‘विशेष कार्य बल’ (विकाब) कुछ बलशाली कृपा-प्राप्त लोगों का ‘व्यक्तिगत बल’ बनकर रह गया है. जो जनसंख्या में 10% हैं, उनको 90% तैनाती और जो जनसंख्या में 90% हैं, उनको 10% तैनाती. इसका मतलब, इस बल के इस्तेमाल किये जाने का कोई खास मक़सद है, जिसके कारण ऐसी तैनाती हुई है. ‘विकाब’ के बारे में यूं भी कहा जा सकता है : बलशालियों द्वारा, बलशालियों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लेकिन निर्बलों के ख़िलाफ़. देखिएगा कि इस आंकड़े के सामने आते ही, कैसे अपना मुंह बचाने के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर कॉस्मैटिक उपचार होगा और कुछ उपेक्षित लोगों को दिखावटी पोस्टिंग दी तो जाएगी लेकिन ‘विशेष प्रयोजन की पूर्ति’ के समय, कोई भी बहाना बनाया जाएगा पर साथ नहीं ले जाया जाएगा. ‘विकाब’ वाले विकास कैसे कर सकते हैं? उप्र के लिए ‘विकाब’ विकार है.'
अखिलेश यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन पर उठाए सवाल?
अखिलेश यादव ने X पर वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर के विरोध करते हुए लिखा कि "लगे हाथ महाराष्ट्र, झारखंड व यूपी के उपचुनाव भी घोषित करवा देते.'
अखिलेश यादव ने X पोस्ट पर लिखा है कि 'अगर ‘वन नेशन, वन नेशन’ सिद्धांत के रूप में है तो कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ ही होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार? भाजपा जब बीच में किसी राज्य की चयनित सरकार गिरवाएगी तो क्या पूरे देश के चुनाव फिर से होंगे? किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर क्या जनता की चुनी सरकार को वापस आने के लिए अगले आम चुनावों तक का इंतज़ार करना पड़ेगा या फिर पूरे देश में फिर से चुनाव होगा? इसको लागू करने के लिए जो सांविधानिक संशोधन करने होंगे उनकी कोई समय सीमा निर्धारित की गयी है या ये भी महिला आरक्षण की तरह भविष्य के ठंडे बस्ते में डालने के लिए उछाला गया एक जुमला भर है? कहीं ये योजना चुनावों का निजीकरण करके परिणाम बदलने की तो नहीं है? ऐसी आशंका इसलिए जन्म ले रही है क्योंकि कल को सरकार ये कहेगी कि इतने बड़े स्तर पर चुनाव कराने के लिए उसके पास मानवीय व अन्य ज़रूरी संसाधन ही नहीं हैं, इसीलिए हम चुनाव कराने का काम भी (अपने लोगों को) ठेके पर दे रहे हैं. जनता का सुझाव है कि भाजपा सबसे पहले अपनी पार्टी के अंदर ज़िले-नगर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के चुनावों को एक साथ करके दिखाए फिर पूरे देश की बात करे. चलते-चलते जनता यह भी पूछ रही है कि आपके अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब तक क्यों नहीं हो पा रहा है. जबकि सुना तो ये है कि वहां तो ‘वन पर्सन, वन ओपिनियन’ ही चलती है. कहीं कमज़ोर हो चुकी भाजपा में अब ‘टू पर्सन्स, टू ओपिनियन्स’ का झगड़ा तो नहीं है.
राम मंदिर में सफाई करने वाली गैंगरेप पीड़िता से मिले अखिलेश यादव
राम मंदिर में सफाईकर्मी और बीए की छात्रा से कुछ लोगों ने गैंगरेप किया था. गैंगरेप पीड़िता से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलाकात की है. अखिलेश यादव ने पीड़िता को न्याय दिलाने के भरोसा दिलाया. इसके साथ ही दोबारा राम मंदिर में नौकरी देने की भी मांग की है. 20 वर्षीय पीड़िता ने 9 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए अयोध्या कैंट थाने में केस दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.