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अरबिंदो कॉलेज ने किया एंटी रैगिंग कमेटी का गठन, यूजीसी और डीयू सख्त, हेल्पलाइन नंबर भी जारी - Aurobindo College anti ragging CELL

Aurobindo College formed anti-ragging committee: रैगिंग को लेकर यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय काफी सख्त दिख रहा है. जिसके मद्देनजर यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय के गाइडलाइंस को कॉलेज लागू करने में जुटे हैं. डीयू में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व कॉलेजों ने एंटी रैगिंग कमेटियां गठित कर रही हैं इसी कड़ी में अरबिंदो कॉलेज ने एंटी रैगिंग कमेटी का गठन किया है साथ ही रैगिंग को रोकने के लिए कई ऐहतिहाती कदम उठाए गए हैं.

अरबिंदो कॉलेज ने किया एंटी रैगिंग कमेटी का गठन
अरबिंदो कॉलेज ने किया एंटी रैगिंग कमेटी का गठन (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 5, 2024, 1:43 PM IST

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए कॉलेजों/संस्थानों ने यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में शैक्षिक सत्र-2024-25 में एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व विद्यार्थियों के लिए कॉलेजों ने अपने-अपने स्तर पर एंटी रैगिंग कमेटियां बनानी शुरू कर दी हैं. कमेटी में शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है. इसी कड़ी में अरबिंदो कॉलेज ने यूजीसी द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करते हुए कॉलेज को रैगिंग मुक्त बनाने के लिए उचित कदम उठाए हैं.

अरबिंदो कॉलेज एंटी रैगिंग कमेटी

अरबिंदो कॉलेज एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि किसी भी छात्र द्वारा कॉलेज में किसी अन्य छात्र को बोले गए शब्दों या लिखित अथवा किसी अन्य प्रकार से अपने से जूनियर छात्र को परेशान करने के उद्देश्य से उसके साथ अशिष्टता या दुर्व्यवहार करता है तो वह रैगिंग की श्रेणी में आएगा. कॉलेज में रैगिंग रोकने के लिए कमेटी गठित की गई और छात्र हित में कई निर्णय लिए गए. इसके अलावा स्टूडेंट्स ग्रीवांस कमेटी, इंटरनल कम्पलेंड कमेटी तथा स्कॉलरशिप सेल आदि की कमेटियों की जानकारी सूचनापट्ट पर प्रदर्शित की गई है

नए सत्र में ओरिएंटेशन प्रोग्राम के माध्यम से छात्रों को जानकारी

कमेटी के सदस्य डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि रैगिंग रोकने के लिए विद्यार्थियों को नए सत्र में कॉलेज खुलने के पहले ही दिन ओरिएंटेशन प्रोग्राम के माध्यम से जानकारी दी जाती है. साथ ही एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा यूजीसी की गाइडलाइंस को छात्रों में वितरित भी किया जाता है. फिर भी कोई छात्र रैगिंग करता हुआ पकड़ा जाता है तो कॉलेज उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है. उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि यूजीसी ने डीयू समेत सभी शिक्षण संस्थानों और कॉलेजों को सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिसमें रैगिंग रोकने के उपायों को आवश्यक रूप से लागू करने पर जोर दिया गया है.

कॉलेजों में एंटी रैगिंग सेल बनाने के निर्देश

इसके लिए कॉलेज में एंटी रैगिंग सेल बनाने, वर्कशाप करने, कैम्प लगाकर कानूनी पहलुओं के विषय में बताने का निर्देश दिया गया है. उनका कहना है कि यूजीसी की गाइडलाइंस में स्पष्ट है कि शिक्षण संस्थानों / कॉलेजों में रैगिंग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है. इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी. डॉ. हंसराज सुमन ने यह भी बताया है कि रैगिंग को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी दस्तों की स्थापना, एंटी रैगिंग सेल का गठन करने के अलावा कमेटी कॉलेज की महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, समय-समय पर विद्यार्थियों के साथ बातचीत कर उनकी समस्या जानने का कार्य करेगी.

यूजीसी की हेल्पलाइन पर भी छात्र कर सकते हैं रैगिंग की शिकायत
यूजीसी और डीयू ने रैगिंग की घटनाओं से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन नंबर, विद्यार्थी टोल फ्री नंबर व एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी है. इसमें छात्र अपनी पहचान छिपाकर भी शिकायत कर सकते हैं. यूजीसी की हेल्पलाइन www.antiragging.in है. इसके अलावा helpline@antiragging. in पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. उनका कहना है कि हमें अपने कॉलेज में अनुशासन की एक स्वस्थ परम्परा का निर्वाह करते हुए रैगिंग मुक्त बनाना है.

डॉ. सुमन ने बताया है कि रैगिंग को लेकर इस साल यूजीसी ने सख्त कदम उठाए है. यूजीसी ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव और कॉलेज प्रिंसिपल की भी जवाबदेही तय की है. यदि कार्रवाई में देरी होती है और नियमों के मुताबिक एक्शन नहीं लेते हैं तो अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. उनका कहना है कि लोगों के बीच सख्त संदेश जाए तभी रैगिंग के मामलों को कम किया जा सकता है और कुछ हद तक इसे रोका जा सकता है. यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपनी ड्यूटी समझकर रैगिंग जैसी बीमारी की रोकथाम करे.

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पिछले साल यूजीसी को मिलीं रैगिंग संबंधी 1240 शिकायतें
डॉ. सुमन ने बताया है कि हाल ही में यूजीसी ने पिछले साल रैगिंग संबंधी छात्रों की 1240 शिकायतें मिली थीं जिसमें से 1113 का निपटारा किया गया है. यूजीसी का कहना है कि अभी रैगिंग के 127 केस पेंडिंग हैं, जिनकी जांच चल रही है. कॉलेजों में रैगिंग के केस न आएं इसके लिए छात्रों को वर्कशाप और सेमिनार के माध्यम से जागरूक करने की आवश्यकता है.
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