लखनऊ: माफिया अतीक अहमद के बेटे उमर अहमद को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सीबीआई कोर्ट ने जमानत दे दी है. हालांकि अन्य मामले में जमानत न मिलने के कारण उमर को अभी भी लखनऊ जेल में रहना पड़ेगा. दरअसल, उमर पर केस में सहयोग नहीं करने का आरोप था.
उमर अहमद को गुरुवार को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में उमर के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में सुनवाई हुई. इसमें से एक केस देवरिया जेल में व्यापारी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट से जुड़ा है, जिसमें उमर अहमद पर गंभीर आरोप लगे थे.
दरअसल, 26 दिसंबर 2018 में देवरिया जेल अतीक अहमद बंद था. इसी दौरान लखनऊ के आलमबाग में रहने वाले व्यापारी मोहित जायसवाल को अतीक अहमद के कहने पर लखनऊ से उठाकर देवरिया जेल लाया गया था. जहां उसके साथ मारपीट की गई और 45 करोड़ रुपए की संपत्ति के कागज पर साइन कराए गए थे. मोहित जायसवाल ने बताया था कि अतीक अहमद के गुर्गे उसे गाड़ी से देवरिया ले गए.
इसके बाद जेल में अतीक अहमद से पास ले जाया गया, जहां अतीक के बेटे उमर और गुर्गों ने उसकी पिटाई की और जान से मारने धमकी दी. इतना ही नहीं करोड़ों की जमीन पर जबरन साइन भी करा लिया गया था. मोहित के मुताबिक, अतीक के गैंग ने रंगदारी भी मांगी थी जिसमें, अतीक का बड़ा बेटा उमर भी शामिल था. मोहित ने इस मामले में कृष्णा नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद अतीक अहमद को देवरिया जेल से बरेली जेल ट्रांसफर कर दिया गया था. बाद में चुनावों को देखते हुए अतीक को नैनी जेल भेज दिया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी का अपहरण करवाने के आरोपी अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे.
उमर पर दो लाख का इनाम था घोषितःउमर अहमद पर मोहित जायसवाल के अपहरण मामले में सीबीआई ने दो लाख का इनाम घोषित किया था. हालांकि फरारी काटने के बाद वह अगस्त 2022 को उमर ने सरेंडर कर दिया था. तब से वह लखनऊ जेल में बंद है. उमर पर इस मामले में जालसाजी, रंगदारी मांगने, लूट, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश समेत गंभीर धाराओं में आरोप तय हुए थे. दोनों पर 364 ए के तहत भी आरोप तय हुए थे. 364 ए में मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान है.
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