कुल्लू: देश-दुनिया के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी अटल टनल रोहतांग के साउथ पोर्टल में सौंदर्यीकरण का कार्य अब वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के फेर में फंस गया है. केंद्र सरकार के वन मंत्रालय से कई आपत्तियां लगकर फाइल वापस आई है. आपत्तियों को दूर करने के बाद दोबारा फाइनल रिपोर्ट भेजी गई है. वन मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही अटल टनल के साउथ पोर्टल का सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा. यह आपत्तियां पर्यावरण से छेड़छाड़ को लेकर हैं.
पर्यटन विभाग ने इस कार्य पर लगभग सात करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना बनाई है. जानकारी के मुताबिक पर्यटन विभाग की यहां पर हेलीपैड बनाने की योजना है. इसके अलावा सैलानियों की सुविधा के लिए वाहनों की पार्किंग, फूड प्लाजा व सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे. इस पर पर्यटन विभाग कार्य कर रहा है.
सौंदर्यीकरण होने से यहां पर्यटकों को सभी प्रकार की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा पर्यटन विभाग जिला कुल्लू के अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने व नए पर्यटन स्थलों की भी तलाश करेगा. इसके तहत लगवैली और बागा सराहन पर भी कार्य किया जाएगा ताकि सैलानी कुल्लू मनाली के अलावा भी नए पर्यटन स्थलों के दीदार कर सकें.
जिला कुल्लू की लगघाटी से काईसधार तक ट्रैक रूट, भागसिद्ध मंदिर, खलाडा नाले के दरपोईन मंदिर, शांघड, भल्याणी, मठासौर, डायनासौर झील, समालंग, कडिगचा, शालंग, जलोड़ी जोत आदि 20 से अधिक पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की योजना है.