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अटल जी की 100वीं जयंती : MP में पैदा हुए लेकिन कहलाए 'बिहारी'! बिहार से था अटूट प्रेम - ATAL BIHAR VAJPAYEE JAYANTI

अटल बिहारी वाजपेई मध्य प्रदेश के थे लेकिन 'बिहारी' कहा जाता था. बिहार से अटूट प्रेम था. उनकी कार्यशैली लोगों को आज भी याद है.

Atal Bihar Vajpayee Jayanti
अटल जी की 100 जयंती (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 24 hours ago

पटना : भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की आज 100वीं जयंती है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की अपने व्यक्तित्व में एक नेता कम और कार्यकर्ता अधिक थे. उनका बिहार से गहरा जुड़ाव था, और वे खुद को बिहार से जोड़ते थे. अटल जी का बिहार प्रेम और उनकी कार्यशैली आज भी याद की जाती है.

बिहार के प्रति अटल जी का प्रेम : अटल बिहारी वाजपेई का बिहार से गहरा संबंध था. वे बिहार को अपना दूसरा घर मानते थे. उनके दैनिक आहार में बिहारी व्यंजन प्रमुख रूप से शामिल रहते थे. मोकरी का चावल और अरहर की दाल अटल जी के पसंदीदा थे, और पूर्व सांसद लाल मुनी चौबे इन्हें कैमूर से लेकर उन्हें देते थे.

अटल जी की 100वीं जयंती पर विशेष (ETV Bharat)

अटल जी का कार्यकाल और बिहार के लिए उनकी योजनाएं : अटल जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बिहार को कई महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ मिला. उनके कार्यकाल में बिहार को पहला एम्स अस्पताल मिला, और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के तहत बिहार को अन्य राज्यों से जोड़ा गया. इसके अलावा, गंगा नदी पर पुल बनाने की परियोजना भी उनकी पहल से शुरू हुई, जिससे दियारा क्षेत्र के लोगों को राहत मिली.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (्)

गंगा बाबू के साथ अटल जी का खास रिश्ता : पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया से अटल जी का एक खास रिश्ता था. जब भी अटल जी पटना आते थे, तो उनका ठिकाना गंगा बाबू के आवास पर रहता था. गंगा बाबू स्वयं उन्हें एयरपोर्ट से लेकर जाते थे. अटल जी सादगी में विश्वास रखते थे और हमेशा लाव-लश्कर से बचते थे.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का घर (ETV Bharat)

"मैं ड्राइवर और सारथी दोनों हुआ करता था. मैं गाड़ी चला कर एयरपोर्ट जाता था और उन्हें अपने साथ लेकर आता था. लाव लश्कर बिल्कुल पसंद नहीं करते थे ."-गंगा प्रसाद चौरसिया, पूर्व राज्यपाल .

अटल जी का सिनेमा के प्रति प्रेम : अटल जी को सिनेमा देखने का भी शौक था, खासकर हेमा मालिनी की फिल्म 'सीता और गीता' को उन्होंने 25 बार देखा था. पटना के अशोक सिनेमा हॉल में भी अटल जी ने कई बार फिल्में देखीं. इस हॉल के मालिक बौआ जी से उनके करीबी रिश्ते थे, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे.

बक्सर से चुनाव प्रचार की शुरुआत : अटल जी का बक्सर से गहरा जुड़ाव था. उनका मानना था कि भगवान राम की धरती से चुनाव प्रचार की शुरुआत होती है, तो उनकी जीत निश्चित होती है. इसी कारण वे बक्सर से ही अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करते थे.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का घर (ETV Bharat)

गंगा बाबू के बेटे की शादी में अटल जी का आशीर्वाद : पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने अटल जी को अपने छोटे बेटे की शादी में नहीं बुलाया था, क्योंकि वे जानते थे कि उनके आने से विधि व्यवस्था में परेशानी हो सकती थी. हालांकि, बाद में अटल जी ने गंगा बाबू के बेटे को अपने आवास पर बुलाकर आशीर्वाद दिया.

अटल जी का शिमला यात्रा और चुटकी : गंगा बाबू एक बार शिमला गए थे जब अटल जी विपक्ष के नेता थे. अटल जी ने उनसे पूछा कि वे अकेले शिमला क्यों घूमने आए थे, तो गंगा बाबू ने मजाक में कहा कि बस यूं ही घूमने. इस पर अटल जी ने हंसते हुए कहा, "शिमला अकेले घूमने की जगह है क्या?"

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (ETV Bharat)

गांधी मैदान में अटल जी का बिहारी प्रेम : वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी बताते हैं कि एक बार गांधी मैदान में भाषण देते हुए अटल जी ने खुद को 'बिहारी' कहा. उन्होंने कहा, "मेरे नाम में बिहारी लगा है, इसलिए मैं बिहारी भी हूं." हालांकि, उन्हें इस बार अपेक्षित सफलता नहीं मिली, लेकिन उनकी भाषण शैली और प्रभावशाली व्यक्तित्व ने सभी दलों के नेताओं को प्रभावित किया.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (ETV Bharat)

"अटल जी विराट व्यक्तित्व के मालिक थे. एक बार गांधी मैदान में वह भाषण दे रहे थे और उसी दौरान कहा कि मेरे नाम में बिहारी लगा है इसलिए मैं बिहारी भी हूं. बिहार के लोग मुझे वोट करें . हालांकि उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली. अटल जी की खासियत यह थी कि सभी दलों के नेता उनके भाषण को सुनने जाते थे और जब उनका भाषण चल रहा होता था तो पूरा इलाका शांत रहता था लोग बड़े ही ध्यान से उनके भाषण को सुनते थे." -प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार

देश के लिए समर्पित थे अटल जी :अटल बिहारी वाजपेई का बिहार के प्रति प्रेम और उनकी कार्यशैली को हमेशा याद किया जाएगा. वे एक नेता के साथ-साथ एक सच्चे कार्यकर्ता थे, जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया.

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