कोरबा : उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट पैदा हो गया है. सरगुजा और बस्तर में ऐसे सैकड़ों सहायक शिक्षक हैं, जो नौकरी कर रहे हैं. अपनी नौकरी बचाने के लिए उन्होंने सरगुजा से पदयात्रा की शुरुआत की है, जो रायपुर पहुंचेगी. जिसके बाद सहायक शिक्षक मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे.
कटघोरा से रायपुर की ओर बढ़ी पदयात्रा : सहायक शिक्षकों की पदयात्रा कटघोरा में सोमवार को पहुंची. यहां रात्रि विश्राम के बाद पदयात्रा आगे बढ़ गई. कटघोरा में सहायक शिक्षकों ने प्रदर्शन भी किया. सहायक शिक्षकों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि तमाम सरकारी प्रक्रियाओं और आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए उनकी नौकरी लगी थी. लेकिन अब उनकी नौकरी खत्म करने की बात कही जा रही है. इससे उनके सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है.
सहायक शिक्षकों ने नौकरी बचाने लगाई गुहार (ETV Bharat Chhattisgarh)
14 महीने से दे रहे हैं सेवाएं : बीएड डिग्रीधारी शिक्षक अमित कुमार सिन्हा ने आगे कहा कि हम सरगुजा से पद यात्रा कर रायपुर की ओर जा रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे. हमारी एक ही मांग है कि हमें शिक्षा विभाग में समायोजन कर दिया जाए. 14 महीने से हम सरगुजा और बस्तर संभाग के दूरस्थ अंचल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. व्यापम के आयोजित परीक्षा में शामिल होकर मेरिट के आधार पर हमारा चयन हुआ था. विशेष तौर पर पिछड़े इलाकों में 70 फीसदी आदिवासी आरक्षण के साथ इस भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ था.
लेकिन अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का एक ऐसा आदेश आया है, जिसके बाद हमें नौकरी से निकाला जा रहा है. हम बेरोजगार हो जाएंगे और परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए हम अपनी नौकरी बचाने के लिए समायोजन की मांग कर रहे हैं : अमित कुमार सिन्हा, बीएड डिग्रीधारी शिक्षक
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट दिया था ऐसा आदेश:छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 10 दिसंबर 2024 को दो सप्ताह के अंदर डीएड डिग्रीधारक को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति का आदेश दिया था. वहीं, बीएड डिग्रीधारक सहायक शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने की बात कही थी, जिससे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई. बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकार को सख्त हिदायत दी थी कि अगर 15 दिनों के भीतर भर्ती का प्रोसेस पूरा नहीं किया गया तो अदालत कड़ी कार्रवाई करेगा.