मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के कांटी थाना क्षेत्र के चैनपुर फतेहपुर स्थित बैकुंठपुरी इलाके में शुक्रवार की रात चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही के चचेरे भाई अभिषेक शाही उर्फ सन्नी (38) की हत्या कर दी गई. घटना के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई. सूचना मिलने के बाद कांटी थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच की. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया. छानबीन में पता चला कि चाकू घोंपकर हत्या की गई है. शरीर के कई जगहों पर चाकू का जख्म था. शरीर खून से लथपथ था.
मुजफ्फरपुर में आशुतोष शाही के चचेरे भाई सन्नी शाही की हत्या (ETV Bharat) चाकू से गोदकर हत्या:मिली जानकारी के अनुसार, अभिषेक की हत्या आपसी विवाद में चाकू गोदकर की गई है. कांटी थाना के चैनपुर-फतहपुर रोड में एक नेता के घर के पास से सन्नी का शव देर रात पुलिस ने बरामद किया. कांटी पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है. हत्या के विरोध में सन्त्री के परिजनों ने कांटी थाना पहुंच कर हंगामा किया.
आपसी विवाद में मारपीट:घटना के संबंध में बताया जा रहा कि फतेहपुर चौक पर आपसी विवाद को लेकर मारपीट शुरू हो गई, जिसमें अभिषेक शाही उर्फ सन्नी की हत्या कर दी गई. हत्या करने वाला मौके से भाग निकला. जिसके बाद मौके पर पहुंची कांटी पुलिस ने स्थानीय जनप्रतिनिधि के घर पर छापेमारी की.
जमीन के कारोबार से जुड़ा था: औराई थाना के शाही मीनापुर का रहने वाला सन्त्री गन्त्रीपुर में रहता था. सन्त्री आशुतोष शाही के समय से ही जमीन के कारोबार से जुड़ा हुआ था. साथ ही अलग से भी प्रॉपर्टी डिलिंग का काम करता था. कांटी पुलिस ने शव को कब्जा में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया. डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद ने मौके व कांटी थाना पहुंच कर मामले की जांच की.
जदयू नेता के घर मिले खून के छींटे: सन्नी का शव जहां गिरा था, उसी के बगल में उसकी बाइक भी गिरी हुई थी. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो शव से लेकर जदयू नेता के घर के अंदर तक खून के छीटे थे. पुलिस ने देर रात जदयू नेता के परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. डीएसपी पश्चिमी अभिषेक आनंद का कहना है कि चाकू मारकर हत्या हुई है. मृतक के परिजन अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है.
आपसी रंजिश में हत्या:वही, कांटी थानेदार संजीव कुमार सिंह ने बताया कि अभिषेक उर्फ सन्नी बाइक से आए थे. प्रारंभिक जांच में आपसी रंजिश में हत्या की बात सामने आई है. गुत्थी सुलझाने के लिए काल डिटेल को खंगाला जा रहा है. जांच के दौरान पता चला कि एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता के यहां वह आए थे. इसके बाद वे वहां से निकले. हत्या की जद में राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता का नाम सामने आने के बाद पुलिस उसके घर पर छापेमारी की.
कॉल डिटेल निकाला जा रहा:लेकिन वह वहां से फरार मिला. इसके कारण उसकी गतिविधि पर संदेह गहरा गया है. अभिषेक के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला जा रहा है. जांच के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा. एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता की भूमिका संदिग्ध होने पर लोकसभा चुनाव के बिंदु पर भी इसकी जांच की जा रही है.
आशुतोष शाही का जमीन कारोबार देखता था: बताते चले की पिछले साल 21 जुलाई को आशुतोष शाही व उनके तीन निजी अंगरक्षको की हत्या कर दी गई थी. पुलिस को जानकारी मिली है कि आशुतोष शाही के जीवन काल से ही सन्नी उनके साथ रहते थे. उनका जमीन का कारोवार भी संभालते थे. शहर में वह कलमवाग-गन्नीपुर इलाके में रहते थे. घटना की जानकारी मिलने के वाद स्वजन में चीत्कार मच गया है. पुलिस पूछताछ कर जानकारी जुटाने में लगी है.
15 वर्ष पूर्व किया था प्रेम विवाह:सन्नी ने लगभग एक साल पहले प्रेम विवाह किया था. उसके दो पुत्र है. पिता निरज शाही किसान है. गाव में रहकर खेतीवारी करते है. छोटा भाई किसी बैंक में वाहर कार्यरत है. औराई थानाध्यक्ष रूपक कुमार ने बताया कि दो तीन दिन पहले शाही मीनापुर गांव में 11 हजार केवीए का तार गिर गया था. इसे एक व्यक्ति तार जोड़ने नहीं दे रहा था. इस संबंध में सन्नी से वात हुई थी.
औराई पुलिस से भी साधा गया संपर्क:हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए कांटी थाने की पुलिस ने औराई थाने से संपर्क स्थापित किया है. दूसरी ओर पुलिस अभिषेक के साथ रहने वाले लोगों के वारे में भी जानकारी जुटा रही है. किन-किन लोगों के साथ उसका उठना-बैठना था. पुलिस का कहना है कि सभी विदुओं पर जांच के साथ कार्रवाई चल रही है. इसके तहत सुबह तक और कई वातों का पता चल जाएगा. इसके बाद छापेमारी या अन्य तरीकों से घटना के दोषियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. लोस चुनाव की घोषणा के वाद जिले की सुरक्षा व्यवस्था सख्त है. इस वीच घटना हो गई.
कौन था आशुतोष शाही:मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर समीर कुमार हत्याकांड के बाद मिठनपुरा इलाके के बड़े जमीन माफिया आशुतोष शाही सुर्खियों में आए थे. पुलिस ने समीर कुमार हत्याकांड में उन्हें चार्जशीटेड भी किया था. लेकिन आशुतोष शाही समय रहते हाईकोर्ट से जमानत ले लिया था. इसके बाद बीते विधानसभा चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाया था. लेकिन, नामांकन पर्चा गलत होने से चुनाव नहीं लड़ सके थे.
क्या हुआ था आशुतोष शाही के साथ: बताते चले की बीते वर्ष जुलाई में आशुतोष शाही व उनके तीन बॉडीगार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 21 जुलाई की रात साढ़े नौ बजे चार की संख्या में पहुंचे अपराधियो ने घटना को अंजाम दिया था. वारदात की रात वे अपने अधिवक्ता डॉलर से मिलने के लिए गए थे. इसी दौरान अपराधी पहुंंच चुके थे. अंधाधुंध फायरिंग करने लगे. इस घटना में पांच लोगो को गोली लगी थी.
पूर्व मेयर की भी इसी क्षेत्र में हुई थी हत्या: 23 सितंबर 2018 को मुजफ्फरपुर नगर निगम के पहले मेयर समीर कुमार को बाइक सवार अपराधियों ने एके-47 से उनकी कार में ही हत्या कर दिया था. उनका चालक रोहित भी उसमें मारा गया था. उनकी हत्या भी चंदवारा माड़वाडी हाइस्कूल रोड में ही हुई थी. जमीन कारोबारी आशुतोष शाही की भी हत्या अधिवक्ता डॉलर के घर में हुई. डॉलर का घर भी चंदवारा माड़वाड़ी हाइस्कूल रोड में ही है. बता दे कि जहा पूर्व मेयर की हत्या हुई थी, उससे 50 मीटर पहले आशुतोष शाही की हत्या हुई है.
हत्या में 3 बोर के ऑटोमैटिक पिस्टल का हुआ था प्रयोग: मुजफ्फरपुर में प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही व उनके बॉडीगार्ड की हत्या में तीन बोर की ऑटोमेटिक पिस्टल का प्रयोग किया गया था. जब्त गोली व खोखे के बोर अत्याधुनिक पिस्टल गोल्ट, जिगना, ग्लॉक आदि श्रेणी के पिस्टल में उपयोग होते हैं. विदेशी निर्मित इन पिस्टलों की कीमत सात टीटी से आठ लाख रुपये होती है. जिगना पिस्टल से ही अतीक अहमद की हत्या हुई थी. पुलिस के लिए यह दुर्लभ है.
बिहार में तीन से चार ऐसी पिस्टल: घटनास्थल से पांच खोखे ऐसे मिले हैं, जो नौ एमएम बोर से अधिक मोटे और लंबाई में बड़े हैं. इसकी पेंदी पर एस एंड बी 45 ऑटो लिखा है. इस बोर की गोलियां पहली बार जब्त हुई हैं. ये गोलियां 9x19 की गोलियों से अधिक मोटी और बड़ी हैं. वहीं 9x 19 एमएम बोर के 16 खोखे मिले हैं. 9x19 एमएम पाराबेलम वैरिएंट की पिस्टल आम लोगों के लिए प्रतिबंधित हैं. इसका उपयोग पैरा कमांडो, मार्कोस व एनएसजी आदि विशेष बलों करते हैं. इस तरह की पिस्टल बिहार में तीन से चार ही होगी.
ऐसी पिस्टल छोटे शूटर नही करते उपयोग: इस बोर की पिस्टल छोटे-मोटे शूटर के पास नहीं होती है. पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि 9x19 एमएम पाराबेलम वैरिएंट पिस्टल असामान्य श्रेणी की है. इसकी मारक क्षमता काफी घातक है. पुलिस को सप्लाई 9 एमएम बोर की गोलियों से इसकी साइज अधिक मोटी और मीटर बड़ी होती है. प्रति सेकंड 1230 की गति से लगती है. 50 मीटर के रेंज में इसकी मार प्राणघातक है. इस गोली के उपयोग से स्पष्ट हो रहा था कि शूटर ने ऐसे पिस्टल से गोली चलाई कि कमर से ऊपर लगने के बाद बचना मुश्किल होता है.
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