जोधपुर. बाड़मेर से चलकर जोधपुर होते हुए ऋषिकेश-हरिद्वार जाने वाली कालका एक्सप्रेस किसान आंदोलन के चलते पिछले 25 दिन से हरिद्वार नहीं जा पा रही. इसके चलते कई लोगों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित नहीं हो पा रही. कुछ लोग अपने साधन से हरिद्वार जाकर यह कार्य कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश परिवार ऐसे हैं, जो यह खर्च नहीं उठा सकते. उनके दिवंगत परिजनों की अस्थियां श्मशान या हिंदू सेवा मंडल के परिसर में रखी है. ट्रेन नहीं चलने से हर 2 वर्ष से सेवा मंडल की ओर से मई माह में लावारिस दिवंगतों की अस्थियों का विसर्जन सामूहिक रूप से हरिद्वार में होता, वह भी निरस्त करना पड़ रहा है.
सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापत का कहना है कि हमारे पास अभी 600 लोगों की अस्थियां रखी हुई है. इसके अलावा अन्य श्मशानों में भी इन दिनों अस्थि कलश मौजूद है. अब हम 2 माह बाद हरिद्वार जाएंगे. तब तक करीब 1100 दिवंगतों की अस्थियों का सामूहिक विसर्जन किया जाएगा. प्रजापत ने बताया कि अस्थि विसर्जन के अलावा ऐसी कई बुजुर्ग हैं, जो हर माह हरिद्वार स्नान करने जाती है. रेल सेवा बंद होने से वे भी नहीं जा पा रहे. सरकार को वैकल्पिक ट्रेन के लिए प्रयास करने चाहिए. उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के चलते पंजाब के बठिंडा से आगे कालका एक्सप्रेस का संचालन नहीं हो पा रहा. कालका एक्सप्रेस बठिंडा तक ही जा रही है, जबकि पहले यह ट्रेन ऋषिकेश से हरिद्वार तक जाती थी.