मैं कायर नहीं, मजबूरी में उठा रहा हूं यह कदम, सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट छोड़कर कर ली आत्महत्या - Ashoknagar Man Killed Himself
अशोकनगर के एक व्यक्ति ने कर्ज और रिश्तेदारों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. मृतक के पास से सुसाइड नोट व वीडियो मिला है. जिसमें उसने कहा कि मैं कायर नहीं हूं बल्कि मजबूरी में कदम उठा रहा हूं. दरअसल, मृतक पर लगभग 30 लाख रुपए का कर्ज था.
सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट छोड़कर एक युवक ने की आत्महत्या (Etv Bharat)
अशोकनगर। शहर के एक युवा ने कर्ज और रिश्तेदारों के दबाव के कारण आत्महत्या कर ली. आत्महत्या के पहले युवक ने सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट व स्वयं का एक वीडियो बनाकर अपने दुख और दर्द को बयां किया है. जिसमें उसने कहा कि मैं कायर नहीं हूं, बल्कि मजबूरी में यह कदम उठा रहा हूं. मृतक ने करीब 30 लाख रुपए का कर्ज लिया हुआ था. साथ ही उसने अपने मामा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. लेकिन मृतक ने पुलिस से किसी को परेशान नहीं करने की गुहार लगाई है.
सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट छोड़कर एक युवक ने की आत्महत्या (Etv Bharat)
मृतक पर था 30 लाख रुपए का कर्ज
अशोकनगर के सुभासगंज इलाके में रहने वाले मृतक का नाम अंकित गर्ग है. जो कि सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहता था. अंकित ने गुरुवार को अपने घर में आत्महत्या कर ली. वहीं मौत को गले लगाने से पहले अंकित ने 4 पेज का सुसाइड नोट व अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर अपनी बात कही है. अंकित पर लगभग 30 लाख रुपए का कर्ज था. जिस पर कर्जदारों को वह 2% से लेकर 10% तक का ब्याज भी चुका रहा था.
शुक्रवार को किया जाएगा अंतिम संस्कार
जैसे ही परिजनों को अंकित के बारे में जानकारी मिली वह उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने उसका उपचार शुरू किया, लेकिन अंकित की हालत लगातार गंभीर होती जा रही थी. इसके बाद डॉक्टरों ने उसे भोपाल रेफर कर दिया. भोपाल ले जाते समय रास्ते में ही अंकित गर्ग की मौत हो गई. जिसके बाद उसके शव को वापस जिला अस्पताल लाया गया, जहां उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा.
सुसाइड नोट में लिखी ये बातें
अंकित गर्ग ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया ग्रुप में सुसाइड नोट डालते हुए उसमें 9 कर्जदारों के नाम भी लिखे हैं. सबसे पहले सुसाइड नोट में अंकित ने उन सभी लोगों के नाम लिखे हैं जिनसे उसने कर्ज लिया है. अंकित ने लिखा, '' आज दिनांक तक सभी का ब्याज दिया हुआ है. मैं सभी का धन्यवाद देना चाहता हूं कि आप सभी ने मेरे बुरे वक्त में मेरी मदद की. आप सभी पर भगवान की कृपा बनी रहे. चूकि फिलहाल मैं किसी का भी ब्याज देने में समर्थ नहीं हूं ना ही मेरे परिवार का कोई भी सदस्य इतनी राशि देने में समर्थ हैं, इसलिए मेरे जाने के बाद आप सभी से निवेदन है कि मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को इन रुपयों के लिए परेशान न करें. ''
सुसाइड नोट में अंकित ने लिखा, '' मेरी मां नाना और नानी की इकलौती बेटी थी. मेरे दोनों मामा का क्या इतना फर्ज नहीं बनता कि अपनी बहन को रहने के लिए मकान और दुकान दे दें. हमारे मामा जी को गंज वाला मकान बेचना था जिससे उन्हे 2 करोड़ के लगभग रुपए मिलने थे. इसीलिए उन्होंने मेरी मम्मी और मुझ पर महावीर कॉलोनी वाला मकान लेने के लिए दबाव बनाया. ताकि हम जल्दी से जल्दी गंज वाला मकान खाली कर दें. महावीर कॉलोनी वाला मकान खरीदने के लिए मुझे 15 लाख रुपए और चाहिए थे उसके लिए मैंने बैंक से लोन ले लिया. लेकिन लॉकडाउन के दौरान हमारे काम धंधे नहीं चलने के कारण मैंने लोन को 20 साल के लिए रिस्ट्रक्चर कराया जो कि 24 लाख के करीब पहुंच गया. मैं यह कदम बहुत मजबूरी में उठा रहा हूं मैंने कोई गलत कार्य नहीं किया है ना मैं जुआ खेलता ना शराब पीता हूं. ये सब समय के काल में फंसा हुआ कदम है. साथ ही उसने आगे लिखा कि यदि मेरे दोनों मामा हमें जबरदस्ती महावीर कॉलोनी में मकान खरीदने के लिए मजबूर नहीं करते तो आज मेरे ये दिन नहीं आते. मकान के लोन की किश्तों ने मुझे असहाय कर दिया.''
आत्महत्या कोई समाधान नहीं है
यदि आपके मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं, या आप किसी मित्र के बारे में चिंतित हैं. तो आप स्नेहा फाउंडेशन को कॉल करें. जहां कोई न कोई आपकी बात सुनने के लिए हमेशा मौजूद रहता है. 04424640050 (24x7 उपलब्ध) साथ ही आप टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की हेल्पलाइन पर भी बात कर सकते हैं. 9152987821, जो सोमवार से शनिवार सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध है. क्योंकि जान है तो जहान है.