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गलतफहमी ने दो धुर-विरोधी नेताओं को कर दिया एक, मध्य प्रदेश बीजेपी में आएगा भूचाल!

भूपेन्द्र सिंह के बेटे अविराज सिंह का 29 नवंबर को जन्मदिन है. इस अवसर पर आयोजित भजन संध्या का शुभारंभ गोपाल भार्गव करेंगे.

AVIRAJ SINGH BIRTHDAY 29 NOVEMBER
भूपेन्द्र सिंह के बेटे अविराज सिंह का 29 नवंबर को जन्मदिन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

सागर: कहते हैं कि कभी-कभी धोखा या गलतफहमी किसी बड़े घटनाक्रम की बुनियाद बन जाती है. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश बीजेपी की राजनीति में इन दिनों देखने मिल रही है. दरअसल बुंदेलखंड के दो कद्दावर नेता गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह धुर-विरोधी माने जाते रहे हैं लेकिन एक गलतफहमी ने इन नेताओं की ऐसी मुलाकात कराई कि मध्य प्रदेश भाजपा संगठन और सरकार की सियासत में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश भाजपा में एक ताकतवर गुट उभरकर सामने आएगा और बुंदेलखंड की राजनीति में तो ये दो दिग्गज सर्वोच्च शिखर पर नजर आएंगे. इस गठबंधन के संकेत भूपेन्द्र सिंह अपने बेटे अविराज सिंह के जन्मदिन पर देने वाले हैं. दरअसल अपने बेटे के जन्मदिन पर भूपेन्द्र सिंह ने भजन संध्या का कार्यक्रम रखा है. इस भजन संध्या का शुभारंभ गोपाल भार्गव करने वाले हैं.

हाशिए पर बुंदेलखंड के दिग्गज नेता

दरअसल विधानसभा चुनाव 2023 के बाद जब मोहन यादव मुख्यमंत्री बने, तो उनके मंत्रिमंडल में एक तरह से दिग्गजों से किनारा करके नए चेहरों को ज्यादा तवज्जो दी गई. बुंदेलखंड में तो गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, जयंत मलैया जैसे नेताओं को हाशिए पर धकेलकर नए चेहरों को जगह दी गई और एक मात्र कैबिनेट मंत्री का पद ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी नेता गोविंद सिंह राजपूत को मिला, जो बमुश्किल चुनाव जीते थे. ऐसे में गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह जैसे नेताओं की नाराजगी खुलकर समय-समय पर जाहिर होने लगी.

बेटे के जन्मदिन के जरिए बुंदेलखंड की राजनीति में बड़ा संदेश (ETV Bharat)

एक गलतफहमी बनी नजदीकी की वजह

पिछले दिनों जब सागर में बुंदेलखंड रीजनल इंडस्ट्री समिट का आयोजन किया गया तो प्रोटोकाॅल के तहत मुख्यमंत्री को विदा करने दोनों दिग्गज नेता हैलीपेड पहुंचे थे. हैलीपेड से वापस आते समय गोपाल भार्गव धोखे से भूपेन्द्र सिंह की गाड़ी में बैठ गए. जब तक गोपाल भार्गव समझ पाते तब तक भूपेन्द्र सिंह पहुंच गए और उन्होंने गोपाल भार्गव को बैठे रहने का आग्रह किया. फिर दोनों नेता एक साथ एक गाड़ी में भूपेन्द्र सिंह के आवास पहुंचे और यहां से दोनों नेताओं के संबंधों के बीच जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघलना शुरू हो गई.

Gopal Bhargava Bhupendra Singh
गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह (ETV Bharat)

स्थानीय समीकरण दोनों नेताओं को ले लाए नजदीक

दोनों दिग्गजों का सियासी जीवन समाप्त मानकर कुछ स्थानीय नेता खुलकर ऐसी हरकतें करने लगे, जो दोनों दिग्गजों को चुभें. कुल मिलाकर समय, काल और परिस्थिति ऐसी बनी कि दोनों नेताओं ने एक दूसरे के करीब आना बेहतर समझा. पिछले कुछ दिनों में दोनों नेताओं के बीच घंटों लंबी गुप्त बैठकें भी हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि दोनों नेता उपचुनाव और संगठन चुनाव का इंतजार कर अपने पांसे फेंकने की तैयारी में थे और हालात भी कुछ ऐसे बने कि बिसात भी इनके हिसाब से बिछती नजर आई. उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा और आगामी संगठन चुनाव को लेकर दोनों नेता एक हैं.

बेटे के जन्मदिन के जरिए बड़ा संदेश

पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह के बेटे अविराज सिंह का 29 नवंबर को जन्मदिन है. सागर स्थित अपने निवास के नजदीक भूपेन्द्र सिंह ने एक विशाल मंदिर रूद्राक्ष धाम बनवाया है. जहां बेटे के जन्मदिन के अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया है लेकिन ये धार्मिक आयोजन बड़ा सियासी संकेत दे रहा है. दरअसल इस भजन संध्या के शुभारंभ का दीप प्रज्ज्वलन पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव करने जा रहे हैं. जिसकी जानकारी खुद भूपेन्द्र सिंह ने दी है.

सागर: कहते हैं कि कभी-कभी धोखा या गलतफहमी किसी बड़े घटनाक्रम की बुनियाद बन जाती है. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश बीजेपी की राजनीति में इन दिनों देखने मिल रही है. दरअसल बुंदेलखंड के दो कद्दावर नेता गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह धुर-विरोधी माने जाते रहे हैं लेकिन एक गलतफहमी ने इन नेताओं की ऐसी मुलाकात कराई कि मध्य प्रदेश भाजपा संगठन और सरकार की सियासत में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश भाजपा में एक ताकतवर गुट उभरकर सामने आएगा और बुंदेलखंड की राजनीति में तो ये दो दिग्गज सर्वोच्च शिखर पर नजर आएंगे. इस गठबंधन के संकेत भूपेन्द्र सिंह अपने बेटे अविराज सिंह के जन्मदिन पर देने वाले हैं. दरअसल अपने बेटे के जन्मदिन पर भूपेन्द्र सिंह ने भजन संध्या का कार्यक्रम रखा है. इस भजन संध्या का शुभारंभ गोपाल भार्गव करने वाले हैं.

हाशिए पर बुंदेलखंड के दिग्गज नेता

दरअसल विधानसभा चुनाव 2023 के बाद जब मोहन यादव मुख्यमंत्री बने, तो उनके मंत्रिमंडल में एक तरह से दिग्गजों से किनारा करके नए चेहरों को ज्यादा तवज्जो दी गई. बुंदेलखंड में तो गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, जयंत मलैया जैसे नेताओं को हाशिए पर धकेलकर नए चेहरों को जगह दी गई और एक मात्र कैबिनेट मंत्री का पद ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी नेता गोविंद सिंह राजपूत को मिला, जो बमुश्किल चुनाव जीते थे. ऐसे में गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह जैसे नेताओं की नाराजगी खुलकर समय-समय पर जाहिर होने लगी.

बेटे के जन्मदिन के जरिए बुंदेलखंड की राजनीति में बड़ा संदेश (ETV Bharat)

एक गलतफहमी बनी नजदीकी की वजह

पिछले दिनों जब सागर में बुंदेलखंड रीजनल इंडस्ट्री समिट का आयोजन किया गया तो प्रोटोकाॅल के तहत मुख्यमंत्री को विदा करने दोनों दिग्गज नेता हैलीपेड पहुंचे थे. हैलीपेड से वापस आते समय गोपाल भार्गव धोखे से भूपेन्द्र सिंह की गाड़ी में बैठ गए. जब तक गोपाल भार्गव समझ पाते तब तक भूपेन्द्र सिंह पहुंच गए और उन्होंने गोपाल भार्गव को बैठे रहने का आग्रह किया. फिर दोनों नेता एक साथ एक गाड़ी में भूपेन्द्र सिंह के आवास पहुंचे और यहां से दोनों नेताओं के संबंधों के बीच जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघलना शुरू हो गई.

Gopal Bhargava Bhupendra Singh
गोपाल भार्गव और भूपेन्द्र सिंह (ETV Bharat)

स्थानीय समीकरण दोनों नेताओं को ले लाए नजदीक

दोनों दिग्गजों का सियासी जीवन समाप्त मानकर कुछ स्थानीय नेता खुलकर ऐसी हरकतें करने लगे, जो दोनों दिग्गजों को चुभें. कुल मिलाकर समय, काल और परिस्थिति ऐसी बनी कि दोनों नेताओं ने एक दूसरे के करीब आना बेहतर समझा. पिछले कुछ दिनों में दोनों नेताओं के बीच घंटों लंबी गुप्त बैठकें भी हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि दोनों नेता उपचुनाव और संगठन चुनाव का इंतजार कर अपने पांसे फेंकने की तैयारी में थे और हालात भी कुछ ऐसे बने कि बिसात भी इनके हिसाब से बिछती नजर आई. उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा और आगामी संगठन चुनाव को लेकर दोनों नेता एक हैं.

बेटे के जन्मदिन के जरिए बड़ा संदेश

पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह के बेटे अविराज सिंह का 29 नवंबर को जन्मदिन है. सागर स्थित अपने निवास के नजदीक भूपेन्द्र सिंह ने एक विशाल मंदिर रूद्राक्ष धाम बनवाया है. जहां बेटे के जन्मदिन के अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया है लेकिन ये धार्मिक आयोजन बड़ा सियासी संकेत दे रहा है. दरअसल इस भजन संध्या के शुभारंभ का दीप प्रज्ज्वलन पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव करने जा रहे हैं. जिसकी जानकारी खुद भूपेन्द्र सिंह ने दी है.

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