भोपाल: ठंड के मौसम में कोहरे के कारण ट्रेनों का लेट होना आम बात है. कुछ ट्रेन तो कोहरे की वजह से 8 से 10 घंटे की देरी से स्टेशन पर पहुंचती हैं. लेकिन अब भोपाल रेल मंडल कोहरे के कारण इन ट्रेनों से समझौता नहीं करने वाला है. इसीलिए इन ट्रेनों में अब फाग सेफ डिवाइस (Fog Safe Device)(FSD) का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे समय पर ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंच सके. अब तक भोपाल रेल मंडल में लोको पायलट को 341 फाग सेफ डिवाइस दिए जा चुके हैं.
इसलिए होता है फाग सेफ डिवाइस का उपयोग
कोहरे के दौरान दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे लोको पायलटों के लिए सिग्नल और ट्रैक की स्थिति का सही तरीके से आकलन करना मुश्किल हो जाता है. ऐसी परिस्थितियों में फाग सेफ डिवाइस लोको पायलटों की मदद के लिए डिजाइन किया गया है. यह उपकरण सिग्नल की सटीक जानकारी प्रदान करता है. साथ ही अलग स्थानों पर लगे सिग्नल एवं पर दाहिनी ओर लगे सिग्नल को विशेष रूप से चेतावनी के साथ इंगित करता है, जिससे ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और निर्बाध रूप से हो सके.
फाग सेफ डिवाइस इस तरह करता है काम
फाग सेफ डिवाइस एक जीपीएस आधारित उपकरण है, जो लोको पायलट को उनके मार्ग पर सिग्नलों और अन्य प्रमुख स्थानों की सटीक जानकारी देता है. यह उपकरण सिग्नल की दूरी और ट्रेन की गति को स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है. इसके अलावा, यह लोको पायलट को अलर्ट भी देता है. जब ट्रेन किसी सिग्नल के करीब होती है.
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ये हैं फाग सेफ डिवाइस के फायदे
यह लोको पायलट को कोहरे के दौरान भी सिग्नल की स्पष्ट जानकारी प्रदान करता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है. उपकरण के निर्देशों के माध्यम से ट्रेनें सटीक गति और दिशा में चल सकती हैं, जिससे समय की बचत होती है. इस डिवाइस का उपयोग लोको पायलटों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए होता है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे बेहतर ढंग से ट्रेनों का संचालन कर सकते हैं. यह उपकरण यात्रियों को भी सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करता है.
75 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि "लोको पायलटों को कोहरे के समय फाग सेफ डिवाइस के साथ ट्रेनों की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे रखने के निर्देश दिए गए हैं. सिग्नलों की सूचना दर्शाने वाले बोर्डों को दुबारा पेंट किया जा रहा है अथवा चमकीली पट्टी लगाई जा रही है. कोहरे के समय दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों की सहायता हेतु स्टेशन मास्टरों द्वारा विजिबिलिटी टेस्ट आब्जेक्ट (वीटीओ) के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं. इससे लोको पायलटों को स्टेशन पास होने की जानकारी मिलेगी."
सिग्नल के लिए पटाखे का हो रहा इस्तेमाल
ट्रैकमैन द्वारा लोको पायलटों को रास्ते में सिग्नल होने की चेतावनी देने के लिए पटाखे का उपयोग करने के निर्देश और पर्याप्त मात्रा में पटाखे दिए गए हैं. सर्दियों में जिन स्थानों पर प्रायः पटरियों के फ्रैक्चर की संभावना होती है, वहां अत्यधिक सावधानियां बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं. पटरियों की गहनता से जांच की जा रही है. इसके लिए अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आवश्यकतानुसार रेल खंडों में गति प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे क्षेत्रों में जहां पटरियों में फ्रैक्चर की संभावना रहती है, वहां विशेष कोल्ड वेदर पेट्रोलिंग की जा रही है.