जयपुर.राजस्थान में अतिवृष्टि के बीच बारिश जनित हादसों में 25 लोगों की जान गई है. सरकार आपदा प्रबंधन के नाम पर बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन राजस्थान बिना आपदा प्रबंधन मंत्री के ही बारिशजनित हादसों से जूझ रहा है. अब प्रदेश में बारिशजनित आपदा और आपदा राहत मंत्री के इस्तीफे को लेकर सियासत गर्मा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आपदा प्रबंधन मंत्री को लेकर सवाल किया है. उन्होंने कहा- जनता को यह पता नहीं है कि आपदा राहत मंत्री पद पर हैं या उनका इस्तीफा स्वीकार हो चुका है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा- " प्रदेशभर में भारी बारिश एवं इससे संबंधित दुर्घटनाओं के कारण 25 से अधिक जानें जा चुकी हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी आपदा की स्थिति में राज्य के आपदा राहत मंत्री के बारे में जनता को यह नहीं पता कि वो पद पर हैं या उनका इस्तीफा स्वीकार हो गया है."
असमंजस जनता के साथ छलावे जैसा : अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आपदा राहत मंत्री को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की भी बात कही है. उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा- " मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. जिससे उचित मॉनिटरिंग और राहत बचाव कार्यों के लिए निर्देशन मिल सकें. विकट परिस्थितियों में ऐसी असमंजस की स्थिति राज्य की जनता के साथ छलावे जैसी है."
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किरोड़ीलाल मीना के पास आपदा राहत विभाग : दरअसल, आपदा राहत मंत्री का जिम्मा डॉ. किरोड़ीलाल मीना के पास था. उन्होंने बीते दिनों मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. वे सार्वजनिक मंचों से भी दोहरा चुके हैं कि उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर हुआ या नहीं, इसको लेकर अभी तक संशय बना हुआ है. विधानसभा के बजट सत्र में प्रतिपक्ष ने कई बार सदन में भी डॉ. किरोड़ीलाल मीना के इस्तीफे पर स्थिति साफ करने की बात कही थी. अब अशोक गहलोत के बयान के बाद एक बार फिर यह मुद्दा सियासी पारा बढ़ाता दिख रहा है.