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अच्छे मानसून की संभावना से कृषि विभाग ने बढ़ाया खरीफ की बुआई का लक्ष्य, मक्का रहेगी सिरमौर - Kharif sowing target increased - KHARIF SOWING TARGET INCREASED

अच्छे मानसून की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग ने खरीफ की बुआई का लक्ष्य मामूली बढ़ाया है. इसमें मक्का सिरमौर रहेगी और सोयाबीन को लेकर भी उम्मीदें हैं. कृषि विभाग ने 325810 हेक्टर में बुआई का लक्ष्य रखा है.

Kharif sowing target increased
बढ़ाया खरीफ की बुआई का लक्ष्य (ETV Bharat File Photo)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 23, 2024, 5:21 PM IST

Updated : Jun 23, 2024, 6:11 PM IST

बुवाई के लक्ष्य में मामूली बढ़ोतरी (ETV Bharat Chittorgarh)

चित्तौड़गढ़. मौसम विभाग ने इस बार मानसून में अच्छी बारिश के आसार जताए हैं. इसे देखते हुए कृषि विभाग ने अपने खरीफ फसलों की बुवाई के लक्ष्य में मामूली बढ़ोतरी की गई है. अच्छी बारिश के आसार को देखते हुए मक्का की बुवाई में वृद्धि की गई. हालांकि सोयाबीन को लेकर भी विभाग की उम्मीदें परवान पर हैं. मक्का के बाद सर्वाधिक बोई जाने वाली फसल सोयाबीन ही रहेगी. फिलहाल, कृषि विभाग की नजरें आगामी मानसून पर टिकी है.

बुआई में सोयाबीन दूसरे स्थान पर: कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 के बुवाई लक्ष्य में मक्का टॉप पर है. विभाग द्वारा कल 325810 हेक्टर बुआई का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से 146000 हेक्टर में मक्का की बुवाई का है, जो वर्ष 2023 के मुकाबले 95 हेक्टर अधिक है. विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें, तो इस बार विभाग द्वारा सोयाबीन की बुवाई का लक्ष्य भी बढ़ाया गया. इसके अंतर्गत इस मानसून में 1 लाख 8200 हेक्टर में सोयाबीन की बुवाई की जानी है. जबकि गत वर्ष 108199 हेक्टर में बुआई की गई थी. इस प्रकार गत वर्ष के बराबर ही सोयाबीन की बुवाई होगी.

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अन्य फसलों का रकबा भी बढ़ाया: कृषि विभाग द्वारा अच्छे मानसून की संभावना में अन्य फसलों का रकबा भी बढ़ाया गया है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार जागा के अनुसार दलहनी फसलों में मूंग का लक्ष्य 275 हेक्टर किया गया, जोकि पिछले साल 254 हेक्टर था. इसी प्रकार उड़द का रकबा 7 हेक्टर बढ़ाते हुए 5800 कर दिया गया. मूंगफली के रकबे में भी इजाफा किया गया और गत वर्ष के मुकाबले 26 हेक्टर बढ़ाते हुए 33250 कर दिया गया. तिल की बुवाई 310 हेक्टर में होगी. ज्वार के रकबे में कटौती की गई है, जिसे 44 हेक्टर घटाते हुए 18000 कर दिया गया.

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मक्का की अत्यधिक बुवाई का यह कारण: जागा के अनुसार अच्छी बारिश के जब भी आसार बनते हैं, किसान मक्का को प्राथमिकता देते हैं. इसका कारण यह है कि अनाज के साथ-साथ उन्हें मवेशियों के लिए चारा और घास आदि भी मिल जाती है. इस कारण किसान मक्का पर ज्यादा फोकस करते हैं.

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88200 मीट्रिक टन खाद की रहेगी मांग: कृषि विभाग के अनुसार खरीफ की बुवाई का प्लान तैयार करने के साथ जरूरी खाद की डिमांड का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया. इसके तहत जिले में 52500 मीट्रिक टन यूरिया, 12500 डीएपी, 21000 एसएसपी, 45 एमओपी 21000 मीट्रिक टन की मांग शामिल है. इसी प्रकार बीज में 31000 क्विंटल मक्का, 8700 सोयाबीन, 600 मूंगफली, 95 कपास, 1250 ज्वार, 135 उड़द और 15 क्विंटल ग्वार की मांग तैयार की गई है.

अच्छी बारिश में बढ़ती है मक्का की बुवाई: कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर जागा के अनुसार जब भी अच्छी बारिश होती है या उसके असर बनते हैं, किसान मक्का को प्रायोरिटी देते हैं. इस बार मौसम विभाग द्वारा भी सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना जताई है, जिसे देखते हुए मक्का को प्राथमिकता से लिया गया.

Last Updated : Jun 23, 2024, 6:11 PM IST

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