नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 हारने के बाद आम आदमी पार्टी में सियासी हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आरोप लगा रही है कि अरविंद केजरीवाल खुद पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के करीब 35 विधायक टूटकर अन्य दलों में शामिल हो सकते हैं. इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब के सभी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई.
बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पार्टी के विधायकों के टूटने के कयासों को सिरे से खारिज कर दिया. वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता का निर्णय सर आंखों पर है. साथ ही उन्होंने 'दिल्ली मॉडल' की तारीफ भी की.
हल्का खंडूर साहिब, तरन तारण, पंजाब से विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा ने बताया कि पार्टी का डिसीजन था, इसलिए कैबिनेट की मीटिंग को निरस्त कर इस मीटिंग के लिए बुलाया गया. जिस तरीके से अन्य राष्ट्रीय पार्टियों की दिल्ली में मीटिंग होती है, उसी तरीके से हमारी भी पार्टी के विधायक-सांसद दिल्ली में मीटिंग करने के लिए इकट्ठा हुए हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के 30 से 35 विधायक टूटकर कांग्रेस में शामिल होने के दावे पर उन्होंने कहा, ऐसा कभी भी नहीं हो सकता. आम आदमी पार्टी का एक-एक विधायक सामान्य आदमी था. पार्टी ने सामान्य आदमी को उठाकर विधायक और सांसद बना दिया. क्या वह पार्टी को छोड़ देगा.
नई दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस में अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों, वहां के विधानसभा स्पीकर समेत विधायकों और सांसदों के साथ बैठक की. बैठक में शामिल होने के लिए विधायकों और सांसदों का आना सुबह से ही शुरू हो गया था. बैठक में पंजाब के विधायकों व सांसदों के साथ आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए.