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राजस्थान में मनाया गया स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस, जानें धारा 370 से क्या है कनेक्शन - SWARN MUKUT MASTAK DIVAS - SWARN MUKUT MASTAK DIVAS

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सोमवार को छात्रों को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का अध्याय पढ़ाया गया. शिक्षा महकमे ने शैक्षणिक कैलेंडर (शिविरा पंचांग) में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के दिन को स्कूलों में 'स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस' के रूप में मनाने का प्रस्ताव लाया गया था.

राजस्थान में मनाया गया स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस
राजस्थान में मनाया गया स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 5, 2024, 1:06 PM IST

राजस्थान में मनाया गया स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर .प्रदेश की बीजेपी सरकार की ओर से 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के दिवस को स्मरण करते हुए स्कूलों में 'स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस' मनाया गया. जयपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ब्रह्मपुरी के प्रधानाचार्य हनुमान भाटी ने बताया कि जिस तरह से देश में दो निशान, दो विधान की व्यवस्था थी. भारत सरकार ने 2019 में यहां से धारा 370 हटाई जो पूरे देश के लिए किसी उत्सव से कम नहीं. इससे वहां पनप रही अलगाववादी भावना खत्म हुई, पत्थर बाजी की घटनाएं रुकी.

उन्होंने बताया कि स्कूल के छात्र और देश की भावी पीढ़ी को भी देश के काले अध्यायों की जानकारी होना चाहिए जिसकी वजह से देश में विभाजन और षड्यंत्र की गतिविधियां हुई. क्योंकि वही देश का भविष्य हैं, उनको जानकारी होना जरूरी है. ये दिवस देश के स्वर्णिम अध्यायों में शामिल है. इस वजह से राज्य सरकारी चाहती है कि इसका पाठ भी छात्रों को पढ़ाया जाए.

मनाया गया स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

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वहीं जयपुर के सबसे पुराने सरकारी स्कूलों में से एक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रथखाना स्कूल की उपप्राचार्य सपना जैन ने बताया कि धारा 370 को निरस्त करने के दिवस को वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है. इस अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा दिया हुआ था. उसको हटाने के बाद किस तरह से जम्मू कश्मीर से आतंकवाद कम हुआ और युवाओं में जागरूकता आई, छात्रों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए.

हालांकि राज्य सरकार की इस पहल को विपक्ष ने राजनीतिक हितों को साधने वाला बताया था. उन्होंने शिक्षा के राजनीतिकरण और छात्रों पर राज्य सरकार की विभाजनकारी विचारधारा थोपे जाने का भी आरोप लगाया था.

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