चंडीगढ़ :हरियाणा में आज बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सोनीपत सीट से हार चुके मोहन लाल बडौली को हरियाणा में बीजेपी के बॉस की जिम्मेदारी सौंप दी है. हरियाणा के नए प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली ने उनको ये जिम्मेदारी देने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि एक कार्यकर्ता के तौर पर उन्होंने पार्टी में काम किया, विभिन्न जिम्मेदारी को निभाते हुए वे आज प्रदेश अध्यक्ष बने हैं.
क्या बोले मोहन लाल बडौली ? :मोहन लाल बडौली ने कहा कि नई जिम्मेदारी मिलने के बाद वे पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ मिलकर काम करेंगे और तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाने का काम करेंगे. विधानसभा चुनाव की चुनौती को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं की बदौलत और जनता के आशीर्वाद से केंद्र में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनी है और ठीक ऐसे ही हरियाणा में भी जनता के आशीर्वाद से तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनेगी. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या टीम में बदलाव करेंगे तो उन्होंने कहा कि जो पद खाली पड़े हैं उन्हें भरा जाएगा, और एक टीम की तरह हम काम करेंगे.
नॉन जाट पर बीजेपी का फोकस ! :अब समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर मोहन लाल बडौली को बीजेपी ने हरियाणा बीजेपी की कमान क्यों सौंपी है. अभी तक हरियाणा में जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तब से सीएम नॉन जाट और प्रदेश अध्यक्ष जाट ही रहा है. ऐसे में सभी उम्मीद कर रहे थे कि शायद बीजेपी किसी जाट चेहरे को ही अध्यक्ष बनाएगी, लेकिन हुआ इसका उलट. बीजेपी ने नॉन जाट को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ब्राह्मण समाज से आने वाले आरएसएस से लंबे वक्त से जुड़े राई के विधायक और सोनीपत लोकसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी रहे मोहन लाल बडौली को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी.
75 फीसदी वोट बैंक निशाने पर ! :बीजेपी को लेकर वैसे भी ये चर्चा अकसर हरियाणा के सियासी गलियारों में रहती है कि वो नॉन जाट की पार्टी है. अब ब्राह्मण समाज के मोहन लाल बडौली को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर ये बात सही भी लग रही है. हालांकि इसके पीछे पार्टी का लक्ष्य विधानसभा चुनाव दिखाई दे रहा है. दरअसल ये बात भी सच है कि लोकसभा चुनाव में करीब 22 से 25 फीसद जाट मतदाताओं ने बीजेपी को नकार दिया था. शायद यही वजह है कि पार्टी अब नॉन जाट सीएम और प्रदेश अध्यक्ष बनाकर 75 फीसद के करीब नॉन जाट वोट बैंक पर फोकस कर रही है.
क्या ओबीसी, ब्राह्मण गठजोड़ से होगा बेड़ापार ? :हरियाणा में ब्राह्मण करीब आठ फीसदी है. वहीं सीएम पद पर पहले ही ओबीसी समाज से आने वाले नायब सिंह सैनी बैठे हुए हैं. हरियाणा में ओबीसी समाज का वोट बैंक करीब 30 फीसदी है. यानी पार्टी ने करीब 38 फीसदी वोट बैंक को ओबीसी सीएम और ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष बनाकर साधने का काम किया है, वहीं बाकि नॉन जाट आबादी में पार्टी की पैठ पहले से ही अच्छी स्थिति में रही है. इससे स्पष्ट है कि इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी पूरी तरह से नॉन जाट वोट बैंक को फोकस कर रही है.