शिमला:हिमाचल प्रदेश में सेब की आर्थिक मिठास बागवानों की जेब भरने वाली है. प्रदेश सरकार ने बड़े आढ़तियों की मनमानी पर नकेल कस दी है. हिमाचल में पहली बार मंडियों में सेब कंपटीशन पर खरीदा जाएगा. इसके लिए सरकार ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे बड़े शहरों से सेब के खरीददारों को बुलाने का फैसला लिया है. जो प्रदेश की मंडियों में सीधे बागवानों से सेब खरीद सकेंगे. ऐसे में मंडियों में सेब खरीदने में आढ़तियों का एकाधिकार खत्म होने जा रहा है. इससे मंडियों में खरीददारों के बीच में कंपटीशन बढ़ेगा और बागवानों सेब बेचने पर अच्छे दाम मिल सकते हैं.
मंडियों में खरीदारों को दी जाएंगी दुकानें
बागवानों की जेब पर सेब बेचने पर डाका न पड़े, इसके लिए बाहरी राज्यों से बुलाए जाने वाले सेब के खरीददारों को मंडियों में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. आढ़तियों की तरह ही बाहरी राज्यों से आने वाले खरीददारों को भी मंडियों में दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगी. जिसके लिए बागवानी मंत्री के निर्देशों पर कृषि उपज विपणन बोर्ड ने व्यवस्था बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं, सरकार के आदेशों को सिरे चढ़ाने के लिए इस सप्ताह में बागवानी सचिव के साथ बैठक होने जा रही है. वर्तमान में प्रदेश भर में कृषि विपणन बोर्ड के तहत एपीएमसी की 10 मंडियों में आढ़तियों को दुकानों की सुविधा दी गई है. जिसके लिए आढ़तियों को एपीएमसी एक्ट के तहत लाइसेंस जारी किए गए हैं और साल में इसका नवीकरण करना भी अनिवार्य है. मंडियों के बाहर कारोबार के लिए कृषि विभाग के निदेशक की ओर से लाइसेंस जारी होते हैं.
मंडियों में अभी तक सेब खरीदने की ये व्यवस्था
मंडियों में अभी आढ़ती बागवानों से सेब खरीद रहे हैं. इसके बाद आढ़ती इसी सेब को बाहरी राज्यों से आए खरीददारों आगे बेचते हैं. जिसके बदले में आढ़तियों को कमीशन मिलता है, लेकिन अब सरकार मंडियों में सेब बेचने की व्यवस्था को बदलने जा रही है. अब बाहरी राज्य से आने वाले खरीददार आढ़तियों से नहीं सीधे बागवानों से सेब खरीद सकते हैं. जिससे अब बाहरी राज्यों से आने वाले खरीददारों और आढ़तियों के बीच में सेब खरीदने में कंपटीशन बढ़ेगा. जिससे बागवानों का सेब मंडियों में ऊंचे भाव पर बिकेगा. वहीं, सेब के कुछ खरीददार मंडियों के बाहर सड़क किनारे कारोबार कर रहे हैं. इन्हें भी मंडियों में दुकानें उपलब्ध कराई जाएंगी.