बरेली :आईएमसी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ दूसरा गैर जमानती वारंट जारी करते हुए 19 मार्च को अदालत में पेश करने का आदेश बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अदालत ने दिया है. अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को 2010 दंगे का मुख्य मास्टरमाइंड मानते हुए अदालत में पेश करने का आदेश दिया है.
2010 में बरेली में हुए दंगे की चल रही है सुनवाई :बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत में 2010 में बरेली में हुए दंगे की सुनवाई चल रही है और उसी में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को दंगे का मुख्य मास्टरमाइंड मानते हुए अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया गया था. 5 मार्च को अदालत ने आईएमसी मौलाना तौकीर रजा को दंगे का मुख्य मास्टरमाइंड मानते हुए स्वता: संज्ञान लेकर समन जारी किया था और 11 मार्च को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था. लेकिन, पुलिस समन तालीम नहीं कर पाई. उसके बाद 11 मार्च को मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सीओ सिटी के द्वारा गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था. इसके बाद भी पुलिस आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार नहीं कर पाई.
एक और गैर जमानती वारंट जारी : बुधवार को बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ एक और गैर जमानती वारंट जारी करते हुए अपने आदेश में लिखा है कि मौलाना तौकीर रजा बरेली जनपद का बहुत ही प्रभाव की व्यक्ति है. इसी कारण मौलाना तौकीर रजा के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी. अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट्रैक ने पुलिस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारत में आम व्यक्ति के लिए कानून अलग है और प्रभावी अभियुक्त के लिए कानून अलग है. अपराध किसी भी आम व्यक्ति के द्वारा किया गया होता तो अब तक वह गिरफ्तार कर जेल में होता. मौलाना तौकीर रजा एक प्रभावी धार्मिक व्यक्ति है, इस कारण से अभी भी एनबीडब्लू जारी होने के बावजूद बाहर घूम रहा है.
यह भी पढ़ें : मौलाना तौकीर रजा के बिगड़े बोल- अमन पसंद मुसलमानों पर हिंदू आतंकवादियों ने किया पथराव