देहरादून:उत्तराखंड चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो चुकी है. 10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ जबकि 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालु हेतू दर्शनों के लिए खोल दिए गए. लगातार चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालु यमुनोत्री और केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने लिए घोड़े और खच्चरों का सहारा ले रहे हैं. खास बात है कि इस बार पशुपालन विभाग ने यात्रा के दौर घोड़े-खच्चरों की मौतों को कम करने के लिए खास कदम उठाया है.
हर साल चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम में घोड़े और खच्चरों का संचालन किया जाता है. ताकि, श्रद्धालु घोड़े और खच्चरों का सहारा लेकर आसानी से धार्मिक यात्रा पूरी कर सके. लेकिन घोड़ा- खच्चर संचालक ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कई बार इन पशुओं के साथ क्रूरता जैसा व्यवहार करते हैं. जिस कारण हर साल घोड़े और खच्चरों के मौत के मामले काफी अधिक सामने आते रहे हैं.
लेकिन इस साल से यात्रा के दौरान पशुओं की मौत पर लगाम लगाने और लापरवाह संचालकों पर कार्रवाई करने को लेकर पशुपालन विभाग ने नए पहल शुरू की है. इसके तहत, चारधाम यात्रा में सेवाएं देने वाले सभी घोड़े-खच्चरों और उनके संचालकों के लिए पहली बार एक यूनिक आईडी कार्ड जारी किया गया है, जिससे उनका ट्रैकिंग करना आसान होगा.
ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल का अधिकारी करेगा निगरानी:खच्चरों और संचालकों के लिए ये आईडी कार्ड, जिला पंचायत की ओर से जारी किया गया है. इस आईडी कार्ड में रजिस्ट्रेशन नंबर, ओनर की पूरी जानकारी, टैग नंबर के साथ ही ओनर का आईडी नंबर भी दर्ज किया गया है. इसके अलावा कार्ड में क्यूआर कोड की प्रक्रिया भी दी गई है. ताकि क्यूआर कोड स्कैन कर संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी देखी जा सके. यही नहीं, पहली बार चारधाम यात्रा के दौरान पशुपालन विभाग ने ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल का अधिकारी तैनात किया है. ताकि कोई भी निर्णय मौके पर ही लिया जा सके. इसके साथ ही लापरवाही करने वालों पर तत्काल कार्रवाई हो सके.
घोड़े खच्चरों को फ्री लगेगा एंटी टिटनेस इंजेक्शन:चारधाम यात्रा मार्ग पर लगाए गए घोड़े-खच्चरों को कहीं छोटी-मोटी खरोंच आ जाने पर संचालकों की ओर से जानवरों को टिटनेस का इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है. क्योंकि इसके लिए उन्हें पैसा देने पड़ते हैं. जिसके चलते कई बार घोड़े-खच्चरों की मौत भी हो जाती है. ऐसे में पशुपालन विभाग ने यह निर्णय लिया है कि घोड़े-खतरों को फ्री में एंटी टिटनेस का इंजेक्शन लगाया जाएगा. लिहाजा, किसी भी घोड़े या खच्चरों को चोट लगने पर वे वेटरनरी डॉक्टर की ओर से लगाए गए कैंप में संपर्क कर सकते हैं. लिहाजा, घोड़े-खच्चरों को कैंप में मुफ्त एंटी-टिटनेस इंजेक्शन लगाया जाएगा.
घोड़े- खच्चर की लीद से बनेगा बायो गैस:केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग, जहां से लोग पैदल यात्रा करते हैं, वहीं से ही घोड़े-खच्चरों का संचालन भी होता है. ऐसे में घोड़े और खच्चरों की वजह से वहां गंदगी बहुत ज्यादा फैल जाती है. जिससे पैदल आवाजाही करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही साफ-सफाई व्यवस्था भी चरमरा जाती है. इसको देखते हुए पशुपालन विभाग ने घोड़े-खच्चरों की लीद के बेहतर इस्तेमाल को लेकर ट्रायल बेसिस पर 30 टन का डंप प्लांट लगाया है. आगे अगर यह प्रक्रिया सफल होती है तो फिर इससे बड़ा डंप प्लांट लगाया जाएगा.
घोड़े खच्चरों समेत संचालकों को डिजिटल कार्ड:इस साल चारधाम यात्रा में 7 वेटनरी डॉक्टर्स तैनात किए गए हैं. पहली बार ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल का अधिकारी तैनात किया गया है, जो समीक्षा करेगा. इस बार 40 लोगों का एक टास्क फोर्स बनाया गया है, जो यात्रा रूटों पर निगरानी रखेगा. ताकि घोड़े-खच्चरों पर क्रूरता न हो और अव्यवस्थाएं न फैले. लेकिन अगर कहीं क्रूरता होता दिखाई देती है तो तत्काल एफआईआर दर्ज कर चालान की कार्रवाई और जानवरों के जब्ती की कार्रवाई की जाएगी. सभी घोड़े-खच्चरों को इंटरनल मॉनिटरिंग टैग दिए गए हैं. साथ ही संचालकों सहित जानवरों का एक डिजिटल कार्ड बन रहा है. ताकि ट्रैक करना आसान रहे.