कोरबा: कोरबा के चैतमा में हुए वीभत्स हत्याकांड लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है.विदेशी प्रेमी को गांव की प्रेमिका ने अपने लिव इन पार्टनर के साथ मिलकर टुकड़ों में काट दिया. किसी फिल्मी कहानी की तरह इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया.लेकिन कातिलों की एक गलती ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. जिस प्रेमी वसीम की हत्या हुई उसके परिवार की माने तो वो बेहद सरल और सीधा था.फिर भी उसे इतनी निर्मम तरीके से मौत दी गई. वसीम अपनी प्रेमिका से मिलने पहले दुबई से इंडिया आया और फिर रांची से होता हुआ बिलासपुर पहुंचा.जहां उसकी मौत इंतजार कर रही थी. नाबालिग प्रेमिका ने वसीम को ऐसा अपनी जाल में फांसा की अब पुलिस उसके शरीर के टुकड़ों को तलाश रही है.पुलिस की माने तो अब तक 17 टुकड़े बरामद हो चुके हैं.गर्दन और कमर के कुछ हिस्से अब भी गायब हैं.आईए आपको बताते हैं सिलसिलेवार कत्ल की ये खौफनाक दास्तां.
कब हुई वसीम की हत्या :वसीम की हत्या 2 जुलाई 2024 की रात को की गई.इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी राजा खान ने पुलिस को बताया कि उसकी लिव इन पार्टनर ने अपने घर पर ही वसीम को ठहराया था. इसी दौरान आधी रात को जब वसीम और उसकी नाबालिग लड़की आपस में बात कर रहे थे तो राजा खान ने वसीम के गर्दन में पीछे से तेज वार किया.गर्दन में वार होते ही वसीम जमीन में ढेर हो गया और तड़पने लगा.ये देखकर प्रेमिका ने वसीम के पैर पकड़े और राजा ने ताबड़तोड़ गर्दन पर वार करके सिर धड़ से अलग कर दिया.
हत्या के बाद खूनी खेल :अब तक बात सिर्फ हत्या तक थी.लेकिन हत्या के बाद दोनों लिव इन पार्टनर ने जो किया वो जानने के बाद पुलिस भी हक्की बक्की रह गई. नाबालिग प्रेमिका और उसके लिव इन पार्टनर राजा खान ने हत्या के बाद वसीम की बॉडी ठिकाने लगाने की ठानी. इसके लिए दोनों ने हेक्सा ब्लेड और धारदार हथियार कत्ता से शव को कई टुकड़ों में काट डाला. इसके बाद शव के टुकड़ों को बोरी में भरकर बांगो डैम में फेंकने का प्लान था.दोनों ने बोरी और स्कूल बैग में वसीम के शव के टुकड़ों को भरकरठिकाने लगाने बाइक से बांगो डैम की ओर निकल पड़े.लेकिन रास्ते में पुलिस पेट्रोलिंग टीम से इनका सामना हो गया.इसलिए जल्दी में कुछ ही टुकड़े बांगो डैम में फेंके.इसके बाद बाकी टुकड़ों को वापस लाकर डीप फ्रीजर में रख दिया.अगले दिन दोनों ने गोपालपुर गांव के पास बने छोटे डैम में बाकी के टुकड़ों को फेंका.
10 जुलाई को मिले शव के टुकड़े :घटना के एक हफ्ते बाद 10 जुलाई को डैम के पास से लोगों को बदबू आई.पुलिस को सूचना मिली तो पानी में तैरते बोरे और बैग को बाहर निकाला गया.जिसमें से पुलिस को शव के टुकड़े मिले. शव के टुकड़ों के साथ पुलिस को वसीम का पासपोर्ट भी मिला.इसी पासपोर्ट की मदद से पुलिस असली कातिलों तक पहुंच गई. वसीम की पहचान होने के बाद उसके कॉल डिटेल, बैंक ट्रांजेक्शन से पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया.
2 जुलाई को ही पकड़े जाते आरोपी : इस मामले का मुख्य आरोपी राजा खान अपनी नाबालिग प्रेमिका के साथ चैतमा में लिव इन में रहता था.दोनों ने हनीट्रेप में फंसाकर मोहम्मद वसीम अंसारी को छत्तीसगढ़ बुलाया. वसीम 1 जुलाई को फ्लाइट से सऊदी अरब से दिल्ली और दिल्ली से रांची आया. 02 जुलाई को वो ट्रेन से बिलासपुर पहुंचा. राजा खान और उसकी नाबालिग प्रेमिका बिलासपुर से वसीम को किराये की गाड़ी लेकर लेने गए.इसके बाद दोनों उसे लेकर चैतमा आ गए.अपनी मौत के षड़यंत्र से बेखबर वसीम नाबालिग प्रेमिका पर भरोसा करके रात उसी के किराए के मकान में रुक गया.जहां राजा खान ने वसीम को कई टुकड़ों में काट दिया. 2 तारीख की रात को दोनों वसीम की लाश को ठिकाने लगाने के लिए प्रदेश के सबसे बड़े डैम मिनीमाता बांगो पहुंचे थे.लेकिन रास्ते में पेट्रोलिंग पार्टी से मुलाकात हो गई.उस वक्त यदि पुलिस ने इनकी जांच पड़ताल की होती तो कत्ल का खुलासा हो जाता. लेकिन पेट्रोलिंग पार्टी ने दोनों को गंभीरता से नहीं लिया.