मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर/धमतरी/बेमेतरा : छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदर्शनकारी अपनी लंबित मांगों को लेकर धरने पर हैं. उनकी चार सूत्रीय मांगों में शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने, वेतन बढ़ोतरी, पदोन्नति और सेवा समाप्ति के बाद आर्थिक सहायता शामिल है.
सरकार पर दबाव बनाने कर रहे धरना प्रदर्शन : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका कल्याण संघ के मुताबिक, यह प्रदर्शन सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया है, ताकि उनकी मांगें शीघ्र पूरी की जा सकें. एमसीबी जिले में संघ की सदस्या प्रमिला चतुर्वेदी का कहना कि जब तक उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक 21,000 रुपये मासिक वेतन की मांग पर डटे रहेंगे.
सरकार पर दबाव बनाने प्रदर्शन पर उतरे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (ETV Bharat)
यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो भविष्य में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा. हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लेना सरकार के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है.: फुलकली सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ एमसीबी
स्थानीय नेताओं का मिला समर्थन : एमसीबी जिला पंचायत सदस्य रवि शंकर सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के धरना का समर्थन किया है. धरना स्थल पर पहुंचकर रवि शंकर सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का हौसला बढ़ाया.
महिलाओं की मांगें पूरी तरह से जायज है. हम उनकी मांगों को शासन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे. हम जोर देंगे कि उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए और उनके मानदेय में उचित वृद्धि की जाए. : रवि शंकर सिंह, जिला पंचायत सदस्य, एमसीबी
धमतरी के गांधी मैदान में डटे कार्यकर्ता : धमतरी शहर के गांधी मैदान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका एक दिवसीय धरने पर बैठे हैं. जिले भर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका आंदोलन में शामिल हुए हैं. आंदोलनकारियों का कहना है कि जिस हिसाब से वह कार्य करती हैं, उतना मानदेय नहीं मिलता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आगे बड़े आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार किया जाएगा.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का हल्लाबोल (ETV Bharat)
हनमारी चार प्रमुख मांगे है. हमारी बहुत सारी समस्याएं हैं. आज के महंगाई के जमाने में सिर्फ 10 हजार रुपये महीने वेतन में क्या होता है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को सुपोषण करते करते खुद कुपोषित हो रही हैं. शासन को चाहिए कि हमें जीने लायक वेतन दें. : रेवती वत्सल, जिला अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ, धमतरी
बेमेतरा में अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी : बेमेतरा शहर के जय स्तंभ चौक के पास जिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ 4 सूत्रीय मांगो को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन कर रहा है. प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जिलेभर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपने बच्चो सहित शामिल हुए हैं. धरना प्रदर्शन के बाद संघ की ओर से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
बेमेतरा में अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी (ETV Bharat)
आज हम अपनी चार सूत्रीय मांगो को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी मांगें पूरी नहीं होने उग्र अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा. : विद्या जैन, जिला अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ बेमेतरा
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका कल्याण संघ की चार सूत्रीय मांग :
शासकीय कर्मचारी का दर्जा और मानदेय वृद्धि : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने सरकार से शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने न्यूनतम 21,000 रुपये मासिक वेतन की मांग की है, जिसमें प्रत्येक साल 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा गया है. उनका कहना है कि जब तक उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता, तब तक मानदेय में वृद्धि आवश्यक है.
पदोन्नति के अवसर देने की मांग : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कल्याण संघ ने पर्यवेक्षक पद के लिए 100 फीसदी पदोन्नति और 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए विशेष अंक देने की मांग की है. उनका कहना है कि नई भर्ती प्रक्रिया में कार्यकर्ताओं को आयु सीमा में विशेष छूट मिले. ताकि वे योग्य पदों के लिए आवेदन कर सकें.
मानदेय में समान वृद्धि की डिमांड : आंगनबाड़ी सहायिकाओं के वेतन में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समान बढ़ोत्तरी की मांग की गई है. इसके अलावा उम्र सीमा समाप्त कर उन्हें कार्यकर्ता पद पर पदोन्नति का मौका देने और भर्ती नियमों में संशोधन की मांग की गई है.
सेवा समाप्ति के बाद आर्थिक सहायता की मांग : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कल्याण संघ ने सेवा समाप्ति के बाद एकमुश्त 10 लाख रुपये सहायता राशि की मांग रखी है. इस राशि से उनके भविष्य को सुरक्षित करने का प्रस्ताव रखा गया है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कल्याण संघ का यह आंदोलन न केवल उनकी समस्याओं को सामने ला रहा है. बल्कि सरकार के प्रति उनके असंतोष को भी दिखाता है. फिलहाल, संघ ने अपने अधिकारों और उचित मानदेय की मांग को लेकर विरोध जारी रखने का फैसला लिया है.