गिरिडीह: गांडेय के महादेवडीह में संचालित एमएस मनीष जालान पत्थर खदान में भारी मात्रा में विस्फोटक मिल चुका है. यहां गुप्त सूचना पर पुलिस और माइनिंग विभाग ने छापा मारा था. 23 जुलाई को एसपी दीपक कुमार शर्मा के निर्देश पर हुई छापेमारी में माइंस क्षेत्र से 3200 पीस जिलेटीन, 1790 नन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, कोडेक्स वायर मिला था. जमीन के अंदर गाड़ कर रखे गए विस्फोटक को टीम ने बरामद किया फिर न्यायालय के निर्देश पर नष्ट कर दिया. इस मामले में खदान संचालक मनीष जालान और रोहित साव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए अग्रतर कार्रवाई शुरू कर दी. इन सबों के बीच इस एमएस मनीष जालान के खदान में घटी पहले की घटना की चर्चा भी शुरू हो गई है.
संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ईटीवी भारत) छह माह पूर्व हो चुकी है प्राथमिकी इस घटना से लगभग छह माह पूर्व भी इस खदान में हादसा हुआ है. इस मामले को लेकर गांडेय थाना में प्राथमिकी दर्ज भी हो चुकी है. इस हादसे में एक मजदूर की जान भी चली गई थी. हालांकि मृतक के शव का पोस्टमार्टम से पहले दाह संस्कार करवा दिया गया था. घटना में बुरी तरह घायल हुए मुफ्फसिल थाना इलाके के पनईडीह निवासी रुपलाल सिंह की पत्नी उमा देवी के फर्द बयान पर दर्ज गांडेय थाना कांड संख्या 25/2024 में इन बातों का जिक्र भी है.
एफआईआर में क्या बोली घायल मजदूर की पत्नी ने
27 फरवरी 2024 को दर्ज प्राथमिकी में उमा देवी ने बताया है कि 26 फरवरी 2024 को उसका पति रुपलाल मनीष जालान के स्टोन माइंस में काम कर रहे थे. माइंस का मैनेजर प्रभाष केडिया ऊर्फ लाला केडिया और रविन्द्र राउत है. जबकि लेबर ठेकेदार रोहित साव है. इसी दिन मेरे पति रुपलाल सिंह और परसन ओपी क्षेत्र के कैलाढाब निवासी बुधन रजक दोनों साथ में ड्रिलिंग मशीन में काम कर रहे थे.
इस बीच माइंस में सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखने के कारण विस्फोट हो गया. विस्फोट के बाद मेरे पति और बुधन सीधा पत्थर पर जा गिरे. दोनों को इलाज के लिए ले जाया गया और इसी दौरान बुधन ने दम तोड़ा दिया. जबकि पति का इलाज धनबाद के जालान अस्पताल में करवाया जाने लगा. यहां होश आने पर घायल रुपलाल ने बताया कि माइंस के मालिक, मैनेजर, लेबर ठेकेदार द्वारा माइंस सेफ्टी का किसी प्रकार का ख्याल नहीं रखा गया था जिस वजह से हादसा हो गया. एफआईआर में यह भी बताया गया कि किस तरह बुधन की मौत होने के बाद साक्ष्य को छिपाने के लिए मृतक बुधन का दाह संस्कार करवा दिया गया जिसकी सूचना पुलिस-प्रशासन को नहीं दी गई.
इन धाराओं में हुआ था मुकदमा
गांडेय थाना कांड संख्या 25/2024 में 304, 201, 326, 287, 34 भादवि और 3/4 एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. वहीं इस घटना के बाद डीजीएमएस ने भी मामले की जांच की थी. अभी जब 23 जुलाई को इसी माइंस से भारी मात्रा में विस्फोटक मिला तो इस दिन साफ दिखा कि किस तरह से माइंस के संचालन में सुरक्षा के मानक का यहां पर उल्लंघन किया जाता रहा है. यहां के माइंस की स्थिति और विस्फोटक मिलने में बाद एसपी ने पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया कि कांड संख्या 25/2024 की जांच जल्द से जल्द पूर्ण करें. एसपी कहते हैं कि इस खदान में पहले भी घटना घटी है. ऐसे में सभी मामले की जांच जल्द पूर्ण होगी और अग्रतर कार्रवाई भी.
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