करोड़ों खर्च, फिर भी अंबिकापुर में सड़क खस्ताहाल, जान जोखिम में डालकर NH 43 से निकल रहे लोग - Ambikapur highway dilapidated - AMBIKAPUR HIGHWAY DILAPIDATED
सरगुजा की सबसे व्यस्ततम मार्ग नेशनल हाइवे 43 की स्थिति पिछले कई सालों से जर्जर बनी हुई है. सरकारें आई और सरकारें गईं, इस रोड को लेकर खूब राजनीति भी हुई, लेकिन राहगीरों का की समस्या का समाधान किसी ने नहीं किया. आलम यह है कि अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जन सहयोग से सड़क के गड्ढों को भरने का काम शुरू कर दिया है.
अंबिकापुर में नेशनल हाइवे 43 खस्ताहाल (ETV Bharat)
सरगुजा : प्रदेश के सरगुजा संभाग से होकर गुजरने वाली नेशनल हाइवे 43 की हालत पिछले कई सालों बदतर है. यहां से गुजरने वाले राहगीर घूल और गड्डों का सामना करने को मजबूर है. कई दफा प्रशासन और सरकार के इस रोड की मरम्मत के लिए गुहार लगाई गई. प्रशासन और सरकार के जिम्मेदारों ने हर बार आश्वासन भी दिया, लेकिन आज भी इस नेशनव हाइवे की स्थिति जस की तस है. किसा ने भी राहगीरों की समस्या का समाधान नहीं किया.
नेशनल हाइवे 43 से लोग परेशान : सरगुजा की सबसे व्यस्ततम नेशनल हाइवे 43 छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश से जोड़ती है. अम्बिकापुर के रेलवे स्टेशन, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि महाविद्यालय, पीजी कालेज, सहित तमाम ऑटोमोबाइल कंपनियों के शो रूम भी इसी सड़क किनारे मौजूद हैं. लेकिन आलम ये है कि बड़े-बड़े गड्ढों से लोग परेशान हैं, गड्ढों के कारण लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.
"पिछले 4-5 सालों से यह सड़क खराब है, लेकिन इस वर्ष तो इतनी अधिक खराब हो चुकी है कि आम नागरिक आए दिन दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. इस रोड पर कई बार गड्ढों की वजह से लोग हादसों का शिकार हो गए हैं. कुछ दिन पहले तो यहां चलना मुश्किल था. स्थिति बहुत अधिक खराब है. अभी 3-4 दिन से हम सब लोग मिलकर सड़क के गड्ढों को भर रहे हैं." - स्थानीय निवासी
खराब है रोड और वसूल रहेल टोल : एक अन्य युवक ने कहा, "यह शहर का सबसे व्यस्ततम मार्ग है. गड्ढों के कारण यहां लंबा जाम लग जाता है. गड्ढों में पानी भरे रहने की वजह से पता भी नही चलता कि गड्ढा कितना बड़ा है. दुर्भाग्य ये है कि आप इस रोड में कुछ आगे जाएंगे तो एनएचआई आपसे टोल के पैसे भी वसूल लेगी, लेकिन सड़क की मरम्मत नहीं करते हैं. कुछ दिन पहले कलेक्टर और सांसद निरीक्षण करने आए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ."
"ना जाने क्या वजह है कि रास्ता नहीं बन रहा है. कोई राजनीतिक कारण होगा या पता नहीं. जबकि बैंक यहां हैं, सारा कमर्शियल एरिया यहीं है. फिर भी सड़क नहीं बनाई जा रही है. नेता यहां रानीति कर चले जाते हैं, लेकिन यहां के राहगीरों की तकलीफ से उन्हें कोई मतलब नहीं है." - बैंक कर्मचारी
टीएस सिंहदेव की पहल, खुद मरम्मत कर रहे लोग : पीसीसी सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, "20-25 दिन पहले हम लोगों ने इस सड़क को लेकर आंदोलन भी किया था. 6-7 महीने से सड़क की हालत बहुत खराब है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. कुछ दिन पहले पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव यहां आए थे. उन्होंने गड्ढों को भरने की पहल की. अब हम सब मिलकर इस सड़क के गड्ढों को भर रहे हैं. इसलिए अब सड़क की स्थिति कुछ ठीक हुई है."
छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने इस सड़क के रिपेयरिंग को लेकर पहल की. जिसके बाद अब स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने जन सहयोग से सड़क के गड्ढों को भरने का काम शुरू किया है. आस पास के लोग जन सहयोग से सड़क के गड्ढों को भर रहे हैं. हालांकि देखना होगा कि इस सड़क की मरम्मत को लेकर स्थानीय प्रशासन और सरकार नींद से कब जागती है.