वन मंत्री नागर सिंह चौहान भी पहुंचे प्रचार करने, 'अमरवाड़ा उपचुनाव भारी मतों से जीतेगी बीजेपी' - amarwada byelection
छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर दोनों ही दल कांग्रेस व बीजेपी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं. वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने भरोसा जाताया कि अमरवाड़ा की जनता को बीजेपी को जिताएगी. क्योंकि जनता को बीजेपी के विकास के विजन पर भरोसा है.
वन मंत्री नागर सिंह चौहान भी पहुंचे प्रचार करने (ETV BHARAT)
मंडला।सोमवार को वन मंत्री नागर सिंह चौहान अल्प प्रवास पर मंडला पहुंचे. वह अमरवाड़ा चुनाव प्रचार के छिंदवाड़ा जा रहे थे. वन मंत्री ने इस मौके पर कहा "रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने से श्योपुर जिले में विकास की गंगा बहेगी. श्योपुर पिछड़ा जिला है, वहां विकास की जरूरत है." बीजेपी सरकार हरेक जिले में विकास कराने के लिए गंभीरता से काम कर रही है. मुख्यमंत्री का साफ निर्देश हैं कि हर जिले में मूलभूत सुविधाएं पूरी हों.
वन मंत्री नागर सिंह चौहान (ETV BHARAT)
कमलनाथ का असर अब खत्म है
मंत्री नागर ने कहा "अमरवाड़ा चुनाव मे कमलनाथ की इमोशनल अपील का कोई असर नहीं होगा. क्योंकि लोग अब कांग्रेस के साथ ही कमलनाथ को नकार चुके हैं. हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी 29 सीटें जीतकर ये साबित कर दिया है कि एमपी के मन में मोदी और मोदी के मन में एमपी है." लोकसभा चुनाव में अमरवाड़ा सीट से हम 15 हजार वोटों से जीते हैं. इस बार भी हमारी जीत अमरवाड़ा मे सुनिश्चित है. अमरवाड़ा क्षेत्र मे 51 प्रतिशत आदिवासी जनता है, मक्के की खेती पर ही निर्भर है. वहां सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं. वहां विकास की जरूरत है.
अमरवाड़ा विधानसभा के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो 2003 के विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी की लहर थी, उस दौरान भी यहां से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के मनमोहन शाह बट्टी चुनाव जीत गए थे. इसके बाद 2008 के चुनाव में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए प्रेम नारायण ठाकुर चुनाव जीते थे लेकिन 2013 से लगातार कांग्रेस की टिकट पर कमलेश प्रताप शाह चुनाव जीत रहे हैं. अब वहीं कमलेश प्रताप शाह बीजेपी में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैंकी टिकट पर लगातार 3 बार अमरवाड़ा से विधानसभा का चुनाव जीते कमलेश प्रताप शाह हर्रई राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. वे राजघराने के वारिस भी हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इसी वजह से यहां पर उपचुनाव हो रहे हैं.