रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है. यह फैसला आधी आबादी के हित को ध्यान में रख कर लिया गया है. कैबिनेट ने दिसंबर माह से मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों को 1000 रु की जगह 2500 प्रति माह दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इससे राज्य सरकार के खजाने पर प्रतिवर्ष 9000 करोड़ का अतिरिक्त भार बढ़ेगा. यह जानकारी कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने दी है. उन्होंने बताया कि पिछले माह करीब 50 लाख महिला लाभार्थी थीं. इस लिहाज से मंईयां सम्मान योजना मद में हर साल 15000 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी.
सरकार पर बढ़ेगा वित्तीय भार
खास बात है कि झारखंड सरकार 50 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांगों के लिए सर्वजन पेंशन योजना चला रही है. इस योजना के लाभुकों की संख्या करीब 27 लाख है. इसके तहत लाभुकों को हर माह 1000 रु दिए जा रहे हैं. इस लिहाज से प्रतिवर्ष इस मद में 3240 करोड़ रुपए की जरूरत होगी. लिहाजा दोनों योजना को संचालित करने के लिए सरकार को हर साल 18,240 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी. यह राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 के 1,28,900 करोड़ के बजट की करीब 15% होगी.
नेता प्रतिपक्ष ने ली चुटकी
मंईयां सम्मान योजना की राशि ढाई गुना बढ़ाने के हेमंत सरकार के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने चुटकी ली है. उन्होंने एक्स पर सीएम हेमंत सोरेन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि भाजपा के गोगो दीदी योजना से हेमंत सोरेन डर गए हैं. जब देना है ही नहीं तो कुछ भी बोल दिया जाए.
उन्होंने लिखा है कि "2500 ही क्यूं? जब कुछ देना है ही नहीं तो कुछ भी बोल देते....गजब की डरपोक है "हेमंत सरकार"! भारतीय जनता पार्टी की एक योजना (गोगो-दीदी) ने पूरा ठगबंधन सरकार हिला कर रख दिया. भाजपा की सरकार बनेगी और महीने की 11 तारीख को हर महिलाओं के बैंक खाते में 2100 रुपए पहुंच जाएंगे. हेमंत जी को भी पता है, वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं."