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मौनी अमावस्या के दिन बैठी हाईकोर्ट की विशेष पीठ, माटी बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर बार काउंसिल के आदेश पर रोक - ALLAHABAD HIGH COURT

मौनी अमावस्या के दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने सुनवाई की.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 29, 2025, 9:44 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर देहात के माटी बार एसोसिएशन की एल्डर कमेटी को चुनाव से संबंधित कोई भी निर्णय लेने कार्यवाही करने से रोकने तथा पर्यवेक्षकों की देखरेख में नई एल्डर कमेटी का गठन करने और चुनाव कराने का निर्देश के यूपी बार काउंसिल अध्यक्ष के 19 जनवरी के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र ने एल्डर कमेटी एकीकृत बार एसोसिएशन माटी की याचिका पर मौनी अमावस्या के दिन सुनवाई करते हुए दिया.

मुख्य न्यायाधीश के आदेश के तहत इस मामले में सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन किया गया और दोपहर 3 बजे याचिका पर सुनवाई हुई. बार कौंसिल के वकील ने प्रारंभिक आपत्ति उठाई कि 28 जनवरी को चुनाव हो चुके हैं, इसलिए याचिका व्यर्थ हो गई है और यदि किसी भी पक्षकार को चुनाव से उत्पन्न कोई शिकायत है, तो वह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 25 के तहत निर्धारित प्राधिकरण में प्रत्यावेदन प्रस्तुत कर सकता है.

एल्डर कमेटी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि एल्डर कमेटी का गठन पहले ही बाइलॉज के अनुसार किया गया था और 21 दिसंबर को बार एसोसिएशन के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई थी. इसके अनुसार नामांकन पत्र 9 जनवरी को जारी किए जाने थे. नामांकन पत्र जमा करने की तिथि 16 जनवरी और नामांकन पत्रों की जांच 18 जनवरी निर्धारित की गई थी. चुनाव 28 जनवरी को होना था. एल्डर कमेटी ने 12 जनवरी को बार काउंसिल से 28 जनवरी को होने वाले चुनाव की जानकारी देते पर्यवेक्षकों को भेजने का अनुरोध किया.

बार काउंसिल अध्यक्ष ने अजय यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया और उनकी देखरेख में चुनाव कराने का निर्देश दिया. यह तर्क दिया गया कि कुछ पदों के लिए नामांकन पत्र वापस नहीं लिए गए थे इसलिए उक्त पदों के लिए पदाधिकारियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था. जिन पदों पर एक से नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे, उनके लिए 28 जनवरी को चुनाव होने थे. ये पद अध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री और संयुक्त सचिव प्रकाशन के थे.

कहा गया है 19 जनवरी का आदेश करने से पहले एल्डर कमेटी का पक्ष नहीं सुना गया और न ही उसे सूचना दी गई. आदेश में यह भी कहा गया कि एल्डर कमेटी के अध्यक्ष की मृत्यु के बाद अगले वरिष्ठतम व्यक्ति प्रेम स्वरूप शुक्ल ने कुछ नहीं किया और एल्डर कमेटी के संबंध में कुछ अन्य विवाद था इसलिए 12 जनवरी का आदेश वापस लिया गया और बार काउंसिल के पर्यवेक्षकों की देखरेख में नई एल्डर कमेटी का गठन करने और चुनाव कराने का निर्देश दिया गया.

सुनवाई के बाद कोर्ट ने 19 जनवरी के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह और उसके बाद याची को प्रतिउत्तर हलफनामा के लिए दो सप्ताह का समय दिया. साथ ही मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख लगा दी.

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