प्रयागराज:इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में चार दिनों से चीफ प्रॉक्टर और असिस्टेंट प्रॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन अब उग्र हो गया है. गुरुवार को छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर सड़क जाम करने के साथ ही यूनिवर्सिटी गेट पर धरना शुरू कर दिया. यही नहीं छात्रों से वार्ता करने पहुंचे रजिस्ट्रार और चीफ प्रॉक्टर की टीम पर स्याही फेंक दी गई. इसको लेकर छात्रों का कहना है कि उनके अंदोलन को कमजोर करने के लिए स्याही फेंकवाई गई है, जबकि शिक्षकों पर स्याही फेंकने की इस घटना को करने का आरोप आंदोलित छात्रों पर ही लग रहा है. वहीं, मौके पर पहुंची कर्नलगंज थाने सहित कई थानों की पुलिस फोर्स ने छात्रों को शांत कराने की कोशिश की. लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीड़ित छात्र अभिषेक का आरोप है कि 29 जनवरी को उसे चीफ प्रॉक्टर के ऑफिस में बुलाकर प्रोक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने मारपीट की और उसने कपड़े तक उतरवाए. साथ ही जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां दीं. अभिषेक का कहना है कि इनके खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं हुई तो उसके साथ यह कुछ भी कर सकते हैं. छात्र का आरोप है कि उसने असिस्टेंट प्रोफेसर अतुल नारायण सिंह के खिलाफ यूजीसी के पोर्टल पर शिकायत की थी. इसके बाद उसके साथ यह घटना हुई.
चीफ प्रॉक्टर डॉ राकेश सिंह और असिटेंट चीफ प्रॉक्टर अतुल नारायण सिंह और उनके साथ मौजूद दूसरे शिक्षक और यूनिवर्सिटी पुलिस चौकी के इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग छात्र चार दिनों से कर रहे हैं. इसी बीच आज छात्र चीफ प्रॉक्टर और असिटेंट चीफ़ प्रॉक्टर को पद से हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. इन छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर आज धरना शुरू कर दिया. यूनिवर्सिटी के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.
मांग पूरी होने तक चलेगा धरना प्रदर्शन
विश्वविद्यालय लाइब्रेरी गेट के अंदर और बाहर सड़क पर छात्र बैठकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र नेता सत्यम कुशवाहा और पीड़ित छात्र अभिषेक गुप्ता का कहना है कि जब तक उनकी चीफ प्रॉक्टर और असिस्टेंट चीफ़ प्रॉक्टर को हटाने की मांग पूरी नहीं कि जाती है, तब तक दिन-रात उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. छात्रों ने इस प्रदर्शन के दौरान न सिर्फ सड़क पर जाम लगाया, बल्कि विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी गेट पर भी ताला लगा दिया. वहीं, इस मामले में विश्वविद्यालय की पीआरओ की तरफ से कहा गया कि बाहरी छात्रों के बहकावे में आकर कुछ छात्र कैम्पस का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कामयाब नहीं होंगे.