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उत्तराखंड में भू-कानून का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा, जिलाधिकारियों ने जारी किए नोटिस

सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने शासन को भेजे लैंड रिकॉर्ड, भू कानून का उल्लंघन करने वालों को जिलाधिकारियों ने थमाया नोटिस

LAND LAW IN UTTARAKHAND
उत्तराखंड सचिवालय ((फोटो- ETV Bharat))

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

देहरादून: उत्तराखंड शासन को बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई जमीनों की पूरी डिटेल जिलाधिकारियों ने भेज दी है. जिसके तहत प्रदेश से बाहर के लोगों द्वारा राज्य में खरीदी गई जमीन की जानकारी शासन को उपलब्ध कराई गई है. खास बात यह है कि भू कानून का उल्लंघन करने वालों को जिलाधिकारियों ने नोटिस भी जारी किए हैं. एक दिन पहले ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दो जिलों के अधिकारियों को यह रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, जबकि बाकी 11 जिलों के जिलाधिकारी पहले ही शासन को यह रिपोर्ट उपलब्ध करा चुके हैं. इन निर्देशों के बाद अब बाकी बचे दो जिलों से भी शासन को रिपोर्ट मिल गई है.

राज्य में बाहरी लोगों द्वारा भू कानून के अंतर्गत ढाई सो वर्ग मीटर भूमि से अधिक भूमि खरीदे जाने की शिकायतें मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गंभीरता से लिया था और इस पर जांच के निर्देश दिए थे. मामले में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने रिपोर्ट शासन को भेजने के लिए सभी जिलों के डीएम को कहा था. उधर अब रिपोर्ट शासन को मिलने के बाद भू कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

हालांकि जिलाधिकारियों द्वारा करीब 140 लोगों को पहले ही नियम विरुद्ध जमीन खरीदने के मामले में नोटिस जारी कर दिए गए हैं. इनमें वह लोग शामिल हैं, जिन्होंने किसी दूसरे प्रयोजन से जमीन खरीदने की अनुमति सरकार से ली, लेकिन उक्त जमीन पर कोई दूसरा काम किया गया. फिलहाल शासन अब इन सभी जमीनों के रिकॉर्ड का आकलन कर रहा है और इस मामले में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है.

हालांकि अभी ऐसे लोगों की संख्या 140 के करीब सामने आई है, लेकिन माना जा रहा है कि अभी सभी जिलों के रिकॉर्ड का आकलन करने के बाद यह संख्या इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है. उत्तराखंड में भू कानून के तहत एक परिवार के व्यक्ति द्वारा केवल ढाई सौ वर्ग मीटर की ही जमीन खरीदी जा सकती है. यह नियम दूसरे राज्यों के रहने वाले निवासियों के लिए लागू होना है. हालांकि अभी जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें प्राथमिक तौर पर ही जमीनों से जुड़े रिकॉर्ड को खंगाला गया है और अभी इसकी बारीकी से जांच होना बाकी है.

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