अलीगढ़ :अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) गुरुग्राम के बीच खास करार (एमओयू) हुआ है. एमओयू पर एएमयू की कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून और एनआईएसई के महानिदेशक प्रोफेसर मोहम्मद रिहान ने हस्ताक्षर किए. दावा है कि इस करार से सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में देश में सबसे बड़ा केंद्र और इस क्षेत्र में अनुसंधान और अध्ययन का केंद्र बनने में मदद मिलेगी.
कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि एएमयू देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जिसके पास सबसे बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली है, जो 6.5 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा करती है. फिलहाल हमें अभी इस सुविधा में काफी विस्तार की आवश्यकता है, ताकि पारंपरिक ऊर्जा पर हमारी निर्भरता कम हो. उन्होंने उम्मीद जताई कि एएमयू और एनआईएसई के बीच करार दोनों संस्थानों के लिए फायदेमंद साबित होगा. समझौते के तहत कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की जाएंगी जो एएमयू को सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए देश में सबसे बड़ा केंद्र और इस क्षेत्र में अनुसंधान और अध्ययन का केंद्र बनने में मदद मिलेगी.
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान के महानिदेशक और एएमयू के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर और एएमयू के हरित और नवीकरणीय ऊर्जा केंद्र के संस्थापक (पूर्व) निदेशक प्रोफेसर मोहम्मद रिहान ने कहा कि एएमयू का 2018 से एनआईएसई के साथ समझौता है. जिसके तहत 12 छात्रों के प्रवेश के साथ एमटेक कार्यक्रम चल रहा है जो एएमयू में दो सेमेस्टर और एनआईएसई में दो सेमेस्टर शिक्षा की सहूलत प्रदान करता है.
प्रोफेसर रिहान ने विश्वविद्यालय से प्रबंधन, सामाजिक कार्य, कानून और सामाजिक विज्ञान के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए पूर्ण विकसित या अल्पकालिक कार्यक्रम शुरू करने की संभावनाओं पर विचार करने का आग्रह किया. प्रोफेसर रिहान के अलावा उप महानिदेशक डॉ. जय प्रकाश सिंह, डॉ. विक्रांत शर्मा, उप निदेशक और डॉ. राहुल पचैरी, वरिष्ठ परियोजना अभियंता ने करार की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा की.