पटना: बिहार में भले ही मंकी पॉक्स का अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने मंकी पॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है. जिसके तहत सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से आईडीएसपी के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि मंकी पॉक्स को लेकर सरकार अलर्ट हैं.
पटना और गया विशेष अलर्ट:स्वास्थ्य विभाग की ओर से आईडीएसपी के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार ने बताया कि पटना और गया में आने जाने वाले लोगों पर भी नजर रखी जाएगी, अगर कोई व्यक्ति किसी पॉजिटिव मरीज के संपर्क में भी आता है तो इसकी 21 दिनों की ट्रेवल हिस्ट्री की ट्रैसिंग कराई जाएगी.
पटना और गया में बनेगा आइसोलेशन वार्ड: उन्होंने बताया कि आईडीएच पटना, एनएमसीएच पटना एवं एएनएमएमसीएच गया में आइसोलेशन वार्ड बनाया जाये. जिसमें पांच बेड संदिग्ध एवं पांच बेड कनफर्म्ड मरीज के लिए चिह्नित किया जाये.संदिग्ध मरीजों का सैंपल राज्य आईडीएसपी सेल को सूचित करने के उपरांत एम्स नयी दिल्ली एवं आईसीएमआर कोलकाता को भेजा जाये.
क्या है मंकी पॉक्स बीमारी: दरअसल, मंकी पॉक्स बीमारी एक वायरस की वजह से होती है, जिस तरह से स्मॉलपॉक्स (चेचक) जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में माता भी बोला जाता है, उसी तरह की यह बीमारी होती है. मंकी पॉक्स में शरीर पर लाल-लाल दानेदार चिट्टे आ जाते हैं. हालांकि यह चेचक की तरह घातक नहीं होता है, लेकिन फिर भी ध्यान देने की जरुरत रहती है.
बंदरों से इंसानों में फैलती है:मंकी पॉक्स बीमारी बंदरों से इंसानों में फैलती है. खास बात यह है कि मंकी पॉक्स और चेचक बिल्कुल अलग-अलग बीमारी हैं, यह बीमारी मुख्यतः अफ्रीका में पायी गयी है और इसके कुछ केस स्वीडन एवं पाकिस्तान से भी रिपोर्ट किये गए हैं. बता दें कि 14 अगस्त 2024 को WHO ने मंकी पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया हुआ है.
क्या है एडवाइजरी में: एडवाइजरी में बताया गया है कि मंकी पॉक्स एक वायरल जोनोटिक बीमारी है जिसे मुख्यतः मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीका से रिपोर्ट किया गया है. अब इसके बाहर के देशों की भी खबरें आ रही हैं. मार्च 2024 में केरल से भी इसके एक केस की सूचना मिली है.