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जाटलैंड में जयंत-भाजपा को घेरेंगे अखिलेश: मोदी-शाह के धुर विरोधी सतपाल मलिक को अलीगढ़ से लड़ने का ऑफर - Samajwadi Party Ticket

Akhilesh Yadav Offer Satpal Malik: अखिलेश यादव जाट लैंड में अपनी ताकत दिखाने के लिए सतपाल मलिक को साथ लाना चाहते हैं. इसके चलते उन्होंने अलीगढ़ की सीट सतपाल मलिक को ऑफर की है. आईए जानते हैं इसके क्या मायने निकलकर आ रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 2, 2024, 6:25 PM IST

Updated : Mar 4, 2024, 1:15 PM IST

अलीगढ़: भारतीय जनता पार्टी में रहकर उसके खिलाफ ही मोर्चा खोलने वाले सतपाल मलिक को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा ऑफर दिया है. दरअसल, समाजवादी पार्टी से राष्ट्रीय लोकदल के अलग होने के बाद अखिलेश यादव पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों पर नजर रखे हैं.

इसको लेकर पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक को अलीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. इसको लेकर बातचीत की बात सामने आ रही है. सतपाल मलिक 1989 में अलीगढ़ से सांसद रह चुके हैं. इसी के चलते अखिलेश यादव एक बार फिर से उन्हें यहां से चुनाव लड़ाना चाहते हैं.

सूत्रों के अनुसार अखिलेश और सतपाल मलिक के बीच बातचीत हुई है. अखिलेश यादव जाट लैंड में ताकत दिखाना चाहते हैं. इसके चलते उन्होंने अलीगढ़ की सीट सतपाल मलिक को ऑफर की है. पार्टी से सतपाल मलिक को जोड़कर अखिलेश यादव कुछ अलग सीन दिखाना चाहते हैं.

अंदरखाने यह बातचीत सतपाल मलिक से चल रही है. सोशल मीडिया पर इस पर चर्चा हो रही है. समाजवादी पार्टी चाहती है कि जाटलैंड में कुछ ऐसे प्रत्याशी उतारे जाए, जो जाट चेहरा हों और वह बिना किसी कंट्रोवर्सी के सहानुभूति वाला चेहरा भी हो.

हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का शिकंजा सतपाल मलिक पर कसा हुआ है. सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत अलीगढ़ की सीट समाजवादी पार्टी को मिली हुई है. अगर सतपाल मलिक को अलीगढ़ से उतरा जाता है तो पश्चिमी यूपी पर इसका असर पड़ेगा.

सतपाल मलिक 1989 में अलीगढ़ से सांसद रह चुके हैं और उनकी राजनीति कांग्रेस के अगेंस्ट रही है. सतपाल मलिक पहले लोकदल में थे. राज नारायण आंदोलन में भी साथ रहे. इमरजेंसी में भी जेल गए. सपा ने एक रिसर्च के बाद ही सतपाल मलिक को अलीगढ़ से चुनाव लड़ाने का दांव खेला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भी मलिक हमेशा से हमलावर रहे हैं.

राजनीति में सिंबॉलिक मैसेज दिए जाते हैं तो शोध भी होते हैं. जब जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन से अलग हुए तो इसका एक मैसेज गया कि गठबंधन कमजोर हो रहा है. क्योंकि बीजेपी और आरएलडी एक साथ चुनाव लड़ेंगे तो मजबूत होंगे.

वहीं समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के हौसलों को बनाए रखने के लिए इस तरह के फैसले ले रही है. जिससे कार्यकर्ताओं का हौसला डाउन न हो. समाजवादी पार्टी कुछ बड़े जाट नेताओं को अपनी तरफ लाकर यह बताना चाहती है कि वह 2024 चुनाव में मजबूत है.

हालांकि अभी शुरुआती तौर पर ही यह बात सामने आ रही है. पुख्ता जानकारी नहीं कहीं जा सकती, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जयन्त चौधरी के अलग होने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को अलीगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है.

अगर सतपाल मलिक चुनाव मैदान में उतरते हैं तो सपा में शामिल होकर रालोद के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं. सतपाल मलिक की जाट बिरादरी में मजबूत रसूख है. किसान आंदोलन में भी काफी मुखर रहे. भाजपा विरोध के बड़े चेहरे में से एक है. इन दिनों सतपाल मलिक का कई बार अलीगढ़ आना-जाना रहा है.

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Last Updated : Mar 4, 2024, 1:15 PM IST

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