अलीगढ़:खो-खो विश्वकप जीत कर दिल्ली से अलीगढ़ के टप्पल इलाके तक यमुना एक्सप्रेसवे से होते हुए इंडियन खो-खो टीम के खिलाड़ी आकाश बालियान अपने गांव बसेरा पहुंचे, पूरा गांव अपने लाल के कमाल से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था. विश्व कप जीतने के बाद पहली बार गांव लौटे आकाश का फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया. इस मौके पर एक भव्य स्वागत रैली का भी आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए .
खो-खो विश्वकप जीतकर लौटे आकाश बालियान का अलीगढ़ में भव्य स्वागत, गांव की मिट्टी में खेलकर बना इंटरनेशनल खिलाड़ी - KHO KHO WORLD CUP 2025
विश्व कप जीतकर लौटे खो-खो खिलाड़ी आकाश बालियान का गृहग्राम बसेरा में हुआ ग्रैंड वेलकम, स्वागत रैली में सैकड़ों लोग हुए शामिल
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jan 24, 2025, 7:43 PM IST
आकाश बालियान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने खो-खो खेलना कक्षा सात से शुरू किया था. शुरुआती दिनों में उन्होंने सामान्य खेल मैदान पर अभ्यास किया, अब वह मैट पर खेलते हैं. अपनी मेहनत और लगन से उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. आज वह भारतीय टीम का अहम हिस्सा बन चुके हैं. आकाश के बड़े भाई विकास बालियान भी तीन बार राष्ट्रीय खो-खो प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुके हैं. परिवार में खेल के प्रति जुनून और समर्पण ने आकाश को प्रेरित किया और उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
बता दें कि, नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित खो-खो विश्व कप 2025 के पहले संस्करण में भारत ने नेपाल को हराकर खिताब अपने नाम किया. इस प्रतियोगिता में 24 देशों ने भाग लिया था. फाइनल मुकाबले में भारत ने नेपाल को 54-36 और 78-40 के बड़े अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी. भारतीय ओलंपिक संघ समर्थित इस टूर्नामेंट ने खो-खो को एक वैश्विक पहचान दिलाई.
दरअसल, खो-खो खेल में खिलाड़ी की गति, सटीकता, बुद्धिमत्ता और चपलता की आवश्यकता होती है. यह खेल न केवल मनोरंजन प्रदान करता है बल्कि शारीरिक और मानसिक मजबूती भी देता है. आकाश ने बताया कि खो-खो का उल्लेख महाभारत काल में भी मिलता है. ये खेल भारतीय संस्कृति और परंपरा का अहम हिस्सा रहा है, जिसे अब वैश्विक मंच पर मान्यता मिल रही है. आकाश की इस उपलब्धि से गांव के लोगों में खुशी की लहर है. स्थानीय युवाओं को प्रेरित करते हुए आकाश ने कहा कि मेहनत और लगन से हर सपना पूरा किया जा सकता है. मेरी यह सफलता मेरे परिवार और देश को समर्पित है.
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