राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड मामले में आज आ सकता है फैसला, शेष 6 आरोपियों के खिलाफ है प्रकरण - Ajmer Sex Scandal Case

वर्ष 1992 में सामने आए अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड में आज यानी गुरुवार को चार आरोपियों के खिलाफ फैसला आ सकता है. कोर्ट में इस मामले को लेकर बचाव और अभियोजन पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है.

Ajmer Sex Scandal Case
अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 7, 2024, 10:51 PM IST

अजमेर: साल 1992 में बहुचर्चित अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड के चार आरोपियों के खिलाफ आज यानी गुरुवार को कोर्ट फैसला सुना सकती है. ये छह आरोपी बाद में गिरफ्तार हुए थे. लिहाजा इन चार आरोपियों के खिलाफ अलग से प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन था. कोर्ट में अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. बता दें कि पॉक्सो प्रकरण की विशिष्ट न्यायालय संख्या 2 में चारों आरोपियों के खिलाफ सुनवाई चल रही थी.

अभियोजन विभाग में उपनिदेशक विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया कि दरगाह क्षेत्र निवासी नफीस चिश्ती, सलीम चिश्ती, सौहेल गनी, जमील चिश्ती और मुंबई निवासी इकबाल भाटी और इलाहाबाद निवासी नसीम उर्फ टार्जन के विरुद्ध पॉक्सो प्रकरण की विशिष्ट न्यायालय संख्या 2 में चल रहे मुकदमे में गुरुवार 8 अगस्त को फैसला आ सकता है. अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है. 1992 में अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड के मामले में अनवर चिश्ती, फारूख चिश्ती, परवेज अंसारी, मोइनुल्ला उर्फ पुत्तन इलाहाबादी, इशरत उर्फ लल्ली, कैलाश सोनी, महेश लुधानी, शमशु चिश्ती उर्फ मेंराडोना और नसीम उर्फ टार्जन को गिरफ्तार किया था.

पढ़ें:Ajmer 1992 : अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड में 6 आरोपियों के खिलाफ मामला विचाराधीन, प्रकरण में सुनवाई आज...अभी इतनों की गवाही बाकी

जमानत मिलने के बाद टार्जन फरार हो गया था. इसके बाद इलाहाबाद के एक प्रकरण में गिरफ्तार होने पर उसके खिलाफ अलग से सुनवाई हुई थी. जबकि शेष आरोपियों को वर्ष 1998 में सेशन न्यायालय से उम्र कैद की सजा हो गई थी. जिसकी अपील करने पर हाईकोर्ट ने चार आरोपियों की सजा घटकर 10 वर्ष कर दी थी. जबकि अन्य चार आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. इस आदेश की सुप्रीम कोर्ट में अपील होने पर अदालत ने आरोपियों की भुगती हुई सजा छोड़ने का निर्णय लिया था.

पढ़ें:Ajmer 92 : देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल पर बनी अजमेर 92 फिल्म रिलीज, पुलिस के कड़े इंतजाम

जमानत मिलने पर फरार हुआ था नसीम उर्फ टार्जन:अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड के मामले में केवल नसीम उर्फ टार्जन के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. वर्ष 2003 में नफीस चिश्ती को दिल्ली के धौला कुआं बस स्टैंड पर संदेह के आधार पर पुलिसकर्मियों ने पकड़ा था. उस दौरान नफीस चिश्ती बुर्का पहनकर घूम रहा था. इस दौरान पुलिस ने नफीस के साथ उसके एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने जब नफीस के रिश्तेदार से पूछताछ की, तब उसने नफीस चिश्ती की पोल खोल कर रख दी थी. नफीस चिश्ती अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड का मुख्य आरोपी था. दिल्ली पुलिस ने अजमेर पुलिस को नफीस चिश्ती की गिरफ्तार होने की सूचना दी थी.

इसके बाद अजमेर दरगाह थाना पुलिस दिल्ली के धौला कुआं पुलिस चौकी से नफीस चिश्ती को पड़कर अजमेर आई थी. इस घटना के कुछ दिनों बाद विदेश में रहने वाले मामले में आरोपी जमीर चिश्ती ने अजमेर आने पर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत प्राप्त कर ली. इस मुकदमे में केवल जमीर चिश्ती ही ऐसा आरोपी है जिसने अग्रिम जमानत हासिल की थी. इस मुकदमे में जमीर चिश्ती का नाम अनुसंधान के दौरान अन्य आरोपियों के बयानों में आने से उजागर हुआ था. इसके कुछ दिनों बाद ही दरगाह क्षेत्र में ही फरारी काट रहे सलीम चिश्ती की भनक पुलिस को लग गई.

सलीम चिश्ती को कड़ी मोहल्ले से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी सलीम चिश्ती हटूंडी के उस फार्म हाउस का मालिक था, जहां पीड़िताओं को ब्लैकमेल करके ले जाया जाता. जहां उनके साथ दुष्कर्म किया जाता और उनकी अश्लील फोटो ली जाती थी. इन आरोपियों के गिरफ्तार होने पर मुंबई निवासी इकबाल भाटी का नाम भी सामने आया था. वर्तमान में इकबाल भाटी मुंबई के किसी अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज करवा रहा है. इस प्रकरण के आरोपी सोहेल गनी ने 29 साल की फरारी काटने के बाद अदालत में समर्पण किया था. जबकि प्रकरण की शुरुआत से ही सोहेल गनी का नाम काफी चर्चित था.

अलमास महाराज अभी है फरार: प्रकरण में आरोपी अलमास महाराज अभी भी फरार है. बताया जा रहा है कि अलमास महाराज प्रकरण में नाम आने के बाद से ही अमेरिका भाग गया था. जहां उसने अमेरिकी नागरिकता भी हासिल कर ली है. यहां कोर्ट में उसकी फरारी के बावजूद भी उसके खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश हो चुका है.

पढ़ें:Ajmer Files Controversy : 'अजमेर 92' के प्रदर्शन पर रोक को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर

यह था अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड:अजमेर में यूथ कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष फारुख चिश्ती, उसका साथी नफीस चिश्ती और उसके गुर्गे स्कूल और कॉलेज की लड़कियों को शिकार बनाते थे. फार्महाउस और रेस्टोरेंट में पार्टियों के नाम पर छात्राओं को बुलाकर उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुराचार किया जाता और उनके अश्लील फोटो खींच लिए जाते. इन अश्लील फोटो के आधार पर लड़कियों से अन्य लड़कियों को लाने के लिए मजबूर किया जाता. यानी एक शिकार से दूसरे शिकार को फंसाया जाता था.

प्रकरण दर्ज होने से पहले कुछ लड़कियां हिम्मत कर बयान देने पुलिस के पास भी गई थी, लेकिन पुलिस ने उन पीड़िताओं के सिर्फ बयान लेकर चलता कर दिया था. बाद में उन पीड़िताओं को धमकियां मिलती रहीं. लिहाजा वे दोबारा पुलिस के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं. इसके बाद लोक लज्जा के डर से कोई सामने आकर पुलिस में शिकायत करने को तैयार नहीं थी. बाद में 18 पीड़िताओं ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में बयान दिए.

ऐसे हुआ कांड का खुलासा: सन 1992 में अजमेर के एक कलर लैब से कुछ अश्लील फोटो लीक हो गए थे और शहर में चर्चित हो गए. तब पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अश्लील फोटो की जांच की. तब इस घिनौने अपराध और षड्यंत्र का भांडा फूट गया. अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड में 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ. आरोपियों की गुंडागर्दी और ऊंचे ताल्लुकात की वजह से प्रकरण दर्ज होने के बाद भी किसी भी लड़की ने सामने आने की हिम्मत नहीं दिखाई. तब पुलिस ने फोटो के आधार पर पीड़िताओं को खोजना शुरू किया.

दुष्कर्म और ब्लैकमेल का शिकार हुई कुछ लड़कियों ने आत्महत्या कर ली. वहीं कुछ ने चुप्पी साधते हुए शहर ही छोड़ दिया. पुलिस ने मशक्कत करके कुछ पीड़िताओं के बयान दर्ज करवाए और मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश की. अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड उस दौर में सामने आया, जब अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर देशभर में सियासत गर्म थी. साम्प्रदायिक माहौल बना हुआ था. तब दंगे की आशंका के मद्देनजर भी अजमेर पुलिस ने मामले को लंबित रखा. तत्कालीन समय भैरू सिंह शेखावत सरकार ने मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौंपने का निर्णय लिया. तब इस मामले में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा.

ऐसे हुई थी इस कांड की शुरुआत: राजनीति और धार्मिक स्थल से जुड़े होने के कारण आरोपियों के रसूख ऊंचे थे. वहीं धनबल की भी उनके पास कमी नहीं थी. आरोपियों ने एक लड़की को पद और रसोई गैस सिलेंडर का कनेक्शन दिलवाने का लालच देकर शिकार बनाया और उसके जरिए अन्य लड़कियों को फंसाया. इतना ही नहीं एक लड़के को भी अश्लील फोटो के जरिये ब्लैकमेल कर उसकी परिचित लड़कियों को शिकार बनाया था. ऐसे ब्लैकमेल की शिकार लड़कियों की चैन काफी लंबी होती गई. मगर आरोपियों को अंजाम तक पहुंचाने की हिम्मत 18 पीड़िताएं ही जुटा पाई.

प्रकरण से संबंधित फोटो सार्वजनिक होने के बाद से शहर में लड़कियों के आत्महत्या करने की कई घटनाएं हुई. सीधे तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि उनका इस प्रकरण से जुड़ाव था. क्योंकि ना तो वह कोई सुसाइड नोट छोड़कर गई और ना ही उनके परिजनों ने कोई प्रकरण के संबंध में बयान दिए. जिन लड़कियों ने सुसाइड किए थे, उसकी कोई वजह सामने नहीं आई.

ABOUT THE AUTHOR

...view details