अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर से 'सर तन से जुदा' का नारा लगाने के मामले कोर्ट का फैसला अब 16 जुलाई को आएगा. शुक्रवार को कोर्ट को फैसला देना था, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने की वजह से फैसले की तारीख आगे बढ़ाई गई है.
एडीजे कोर्ट संख्या 4 के विशिष्ट लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि 'सर तन से जुदा' प्रकरण में कोर्ट में शुक्रवार को पेशी थी. कोर्ट में प्रकरण को लेकर फैसला आज आना था. न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर जाने के कारण अगले पेशी 16 जुलाई को रखी गई है. फारुकी ने बताया कि 16 जुलाई को कोर्ट संभवत मामले में अपना निर्णय सुना सकती है. उन्होंने बताया कि मामले में 7 आरोपी हैं. इनमें से एक आरोपी फरार है. लिहाजा 6 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट फैसला सुनाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि प्रकरण में दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है.
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यह था पूरा प्रकरण: 17 जून को दोपहर 3 बजे कांस्टेबल जय नारायण जाट निजाम गेट पर ड्यूटी दे रहे थे. तब कुछ खादिमों की ओर से निजाम गेट पर मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां लाउड स्पीकर पर भाषण दिए और भड़काऊ नारे लगाए. इस आशय से कांस्टेबल जयनारायण जाट ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस को दी गई रिपोर्ट में कांस्टेबल ने बताया था कि 2500 से 3000 लोगों की भीड़ उस वक्त दरगाह के सामने थी. जब भड़काऊ भाषण और नारे लगाए जा रहे थे.