अजमेर : राज्य के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने अब अजमेर दरगाह विवाद पर बयान दिया है. राठौड़ ने कहा कि हर भारतीय को कोर्ट में दावा पेश करने का संवैधानिक अधिकार है. कोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस जारी करके उनका पक्ष पूछा है. यह चाय के प्याले में तूफान जैसी बात है. इस बात को आगे बढ़ाना उचित नहीं है. न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, उसे सभी को मानना चाहिए. फिलहाल बुनियादी तौर पर ऐसी कोई बात नहीं है. दरअसल, रविवार को राठौड़ अजमेर के दौरे पर रहे. यहां सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से रूबरू होने के दौरान उन्होंने अजमेर दरगाह वाद प्रकरण के साथ ही कैबिनेट के निर्णय समेत अन्य अहम विषयों पर अपनी बातें रखी.
राठौड़ ने दरगाह वाद प्रकरण पर कहा कि वाद अभी प्रारंभिक स्तर पर है. कोर्ट में कोई भी भारतीय नागरिक वाद दायर कर सकता है. यह सूफी संत की दरगाह का मामला है. इस मामले में कोर्ट ने अभी पक्षकारों को नोटिस दिया है. दावा पेश किया गया है कि यहां पहले भगवान शिव का मंदिर था. खैर, हर भारतीय नागरिक को दावा पेश करने का संवैधानिक अधिकार है. इस वाद में पक्षकारों को नोटिस भेजकर पूछा गया है कि इसमें सच्चाई क्या है? अभी यह केवल चाय के प्याले में तूफान जैसी बात है. अभी इस बात को आगे नहीं बढ़ना चाहिए. न्यायालय का निर्णय जो भी आए, उसे सभी को मानना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार अपनी पहली वर्षगांठ की ओर बढ़ रही है. शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ऐसे निर्णय हुए है, जिसका लंबे समय से इंतजार था. धर्म परिवर्तन को लेकर बिल लाने को मंजूरी मिली है. यह ऐतिहासिक कार्य है. अध्यादेश के माध्यम से सरकार ने गैरकानूनी (छल, कपट, लालच और दबाव) तरीके से धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों और संस्थानों पर कानूनी शिकंजा कसने का काम किया है. लव जिहाद के कई प्रकरण प्रदेश में हुए. उन प्रकरणों में कई हिंसा भी हुई. कपटपूर्वक धर्म परिवर्तन के बाद यदि शादी होती है तो इस अध्यादेश के बाद कोर्ट को अधिकार होगा कि वो उस शादी को अमान्य करें.
राजस्थान का होगा कायापलट :उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार ने अपने अल्प समय में पारदर्शी तरीके से नीतिगत निर्णय लेकर अपने मंसूबों को साफ कर दिया है. एक ओर हम राजस्थान की अर्थव्यवस्था को 38 हजार करोड़ से अधिक पहुंचाना चाहते हैं तो दूसरी ओर नीतिगत निर्णय लेकर राजस्थान में निवेश का वातावरण तैयार करने के साथ ही हर जगह प्रतिस्पर्धा का वातावरण बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो निर्णय कैबिनेट में हुए हैं, वो अपने आप में अद्वितीय है.
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राजस्थान बन सकता है पूरे एशिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी उत्पादक : राठौड़ ने कहा कि राजस्थान पूरे एशिया का सबसे ज्यादा सोलर एनर्जी उत्पादन करने वाला प्रदेश बन सकता है. इस दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है और 125 गीगावॉट सोलर प्लांट का नीतिगत निर्णय भी लिया गया है. लैंड कन्वर्जन रूल 2007 में भी धारा 6बी में संशोधन किया गया है. उन्होंने बताया कि राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1955 के सेक्शन 42बी में संशोधन किया गया है. सोलर पार्क के लिए कृषि भूमि को अकृषि भूमि करने के लिए एसटी-एससी वर्ग के लोग भी अपनी जमीन स्वेच्छा से दे सकते हैं. इनमें भी यदि कृषक अपने शपथ पत्र में देगा कि खेत में जाने का रास्ता है तो ही उसको यह अधिकार मिलेगा. लंबे अंतराल के बाद प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने का काम हो रहा है.