जयपुर: AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को दिल्ली में अजमेर शरीफ को लेकर ताजा घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह पिछले 800 सालों से है और यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चादर भेजते हैं. आखिर क्यों BJP और RSS के लोग मस्जिदों और दरगाहों के ताल्लुक से इतनी नफरत पैदा कर रहे हैं ? उन्होंने कहा कि अजमेर शरीफ की दरगाह इतनी पुरानी है, जहां करोड़ों लोग जाते हैं. ऐसे में यह समझ नहीं आ रहा है कि कोर्ट ऐसी चीजों को एक्सेप्ट क्यों कर रहा है.
'एक्स' पर भी लिखी पोस्ट :अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखी ताजा पोस्ट में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भारत के मुसलमानों के सबसे अहम औलिया इकराम में से एक हैं. औवेसी ने कहा कि कई राजा, महाराजा, शहंशाह आए और चले गए, लेकिन ख्वाजा अजमेरी का आस्तान आज भी आबाद है.
औवेसी ने कहा कि 1991 का इबादतगाहों का कानून साफ कहता है कि किसी भी इबादतगाह की मजहबी पहचान को तब्दील नहीं किया जा सकता, ना अदालत में इन मामलों की सुनवाई होगी. ये अदालतों का कानूनी फर्ज है कि वो 1991 एक्ट को अमल में लाएं. बहुत ही अफसोसनाक बात है कि हिंदुत्व तंजीमों का एजेंडा पूरा करने के लिए कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री सब चुपचाप देख रहे हैं.