अजा एकादशी 2024, अखंड सौभाग्य और संतान सुख के लिए जरूर करें ये व्रत - Aja Ekadashi 2024
Aja Ekadashi 2024, Importance of Aja Ekadashi भाद्रपद मास की एकादशी को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है. अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त को रखने के बाद इसका पारण 30 अगस्त शुक्रवार को होगा. अजा एकादशी का व्रत दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने के लिए किया जाता है.
रायपुर:आजअजा एकादशी मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन इस व्रत के पुण्य प्रभाव से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व है.
अजा एकादशी 2024 का महत्व (ETV Bharat Chhattisgarh)
काली मंदिर के पंडित धनेंद्र कुमार दुबे ने बताया "29 अगस्त गुरुवार को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इसका पारण 30 अगस्त को होगा. अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है. साल में 12 एकादशी पड़ती है, लेकिन मलमास पड़ने की वजह से एकादशी की संख्या बढ़कर 26 हो जाती हैं. भाद्रपद के कृष्ण पक्ष के पहले जो एकादशी पड़ती है उसे अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है."
"दसवीं युक्त एकादशी का व्रत कभी ना करें": पंडित धनेंद्र कुमार दुबे ने बताया-"ऐसी मान्यता है कि दशमी युक्त एकादशी गृहस्थ लोगों को नहीं करना चाहिए. द्वादशी युक्त एकादशी गृहस्थ लोगों को करना चाहिए. इसके लिए किसी पंडित या पुरोहित से भी सलाह लेनी चाहिए. दसवीं युक्त एकादशी का व्रत करने से गृहस्थ जीवन में हानि होती है. पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है. गांधारी ने दसवीं युक्त एकादशी किया था, जिसके परिणाम स्वरूप गांधारी को जीवित रहते हुए 100 पुत्रों का नाश देखना पड़ा था. ऐसे में गृहस्थ लोगों को द्वादशी युक्त एकादशी का व्रत करना चाहिए."
अजा एकादशी पर पूजा का मुहूर्त:पंडित जी ने आगे बताया "अजा एकादशी तिथि की शुरुआत 29 अगस्त को सुबह 1:19 से 30 अगस्त की सुबह 1:37 तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त गुरुवार के दिन रखा जाएगा. अजा एकादशी व्रत का पारण 30 अगस्त 2024 को किया जाएगा. व्रत का पारण सुबह 7:49 से सुबह 8:31 तक रहेगा. अजा एकादशी में सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग भी बन रहा है. सिद्धि योग 28 अगस्त 2024 की रात्रि 7:12 से 29 अगस्त 2024 की संध्या 6:18 तक रहेगा. इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग 29 अगस्त की शाम 4:39 से 30 अगस्त की सुबह 5:58 तक रहेगा."
अजा एकादशी का महत्व: अजा एकादशी का व्रत दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने के लिए किया जाता है. अजा एकादशी के दिन तुलसी पौधे की पूजा अर्चना करना उत्तम फलदाई होता है. तुलसी पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है इसलिए इस उपाय को करने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में सुख शांति आने के साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते भी सुधारते हैं. इसके साथ ही अजा एकादशी संतान सुख के लिए भी किया जाता है. आज के दिन जातक संतान सुख के लिए गोपाल मंत्र का जाप भी करते हैं. इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है.