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AISA राज्य में चलाएगा सदस्यता अभियान, छात्रों के हित में आवाज किया जाएगा बुलंद - AISA STATE COUNCIL MEETING

आइसा की राज्य परिषद बैठक में तमाम मुद्दों को लेकर आंदोलन की तारीख तय की गई.

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आइसा राज्य परिषद की बैठक (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 20, 2025, 12:23 PM IST

रांची: सीपीआई माले की स्टूडेंट्स इकाई 'ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन' (आइसा) की राज्य परिषद की बैठक संपन्न हुई. आइसा की इस बैठक में राज्यभर से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में राज्य के राजनीतिक और विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. साथ ही छात्र-नौजवानों के मुद्दों को लेकर राज्य में आंदोलन तेज करने और संगठन के विस्तार को केंद्र में रखकर रणनीतियां बनाई गयी.

केंद्रीय अध्यक्ष कामरेड नेहा, नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष कामरेड विभा और राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ ने कहा कि बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि जनवरी से मार्च तक आइसा का सघन सदस्यता अभियान चलाया जाएगा. इसके साथ ही राज्यभर के विश्वविद्यालयों में लंबित छात्र संघ चुनावों और छात्रों से फीस वसूली के खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा.

राजभवन का घेराव करेगी आइसा

30 जनवरी को राज्यभर में सभी जिला कल्याण पदाधिकारी और डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया जाएगा, ताकि छात्रवृत्तियों का भुगतान जल्द से जल्द हो सके. 6 मार्च 2025 को राजभवन के समक्ष छात्राओं पर बढ़ते हमले, स्थानीय नीति और खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग, विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा.

शिक्षा-रोजगार सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यकः कामरेड नेहा

आइसा की केंद्रीय अध्यक्ष कामरेड नेहा ने देशभर में फंड कटौती, शिक्षा नीति और बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्यों में छात्र-नौजवानों के लिए बेहतर शिक्षा और रोजगार सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है. नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष कामरेड विभा ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे वे पूरी निष्ठा से निभाएंगी. संगठन के साथ मिलकर छात्र-नौजवानों के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे.

वहीं, आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ ने कहा कि राज्य के छात्र- छात्राओं के वेलफेयर की मांग को लेकर आइसा अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी. आइसा ने इस दिशा में सघन सदस्यता अभियान और विभिन्न सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है, ताकि छात्रों के अधिकारों की रक्षा की जा सके. झारखंड में शिक्षा, रोजगार और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष किया जा सके.

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