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डीयू में यंग इंडिया जनमत संग्रह की मतगणना के दौरान आइसा ने ABVP पर लगाया हमले का आरोप

Young India referendum: डीयू में यंग इंडिया जनमत संग्रह की मतगणना के दौरान आइसा कार्यकर्ताओं ने ABVP पर हमले का आरोप लगाया है. वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किसी पर भी कोई हमला करने से इनकार किया है.

आइसा ने ABVP पर लगाया हमले का आरोप
आइसा ने ABVP पर लगाया हमले का आरोप

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 9, 2024, 9:00 PM IST

आइसा ने ABVP पर लगाया हमले का आरोप

नई दिल्ली: वामपंथी छात्र संगठन आइसा द्वारा देश के कई विश्वविद्यालय में मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल को लेकर कराए गए यंग इंडिया जनमत संग्रह की शुक्रवार को मतगणना शुरू हुई. इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय के बाहर बड़ी संख्या में वामपंथी छात्र एकत्रित रहे. वहीं, मतगणना के दौरान ही आइसा कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाया.

आइसा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो.आभा देव हबीब और जितेंद्र मीणा के ऊपर भी हमला करने आरोप लगाया. साथ ही इसके विरोध में बड़ी संख्या में वामपंथी छात्र कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. वहीं, अभाविप राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने बताया कि वामपंथी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के अंदर कई सारे अराजक तत्वों को भी बुला लिया था, जो छात्राओं के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे. इसका अभाविप कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है. अभाविप की ओर से किसी पर कोई हमला नहीं किया गया है.

बता दें कि सात फरवरी को दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, बैंगलोर विश्वविद्यालय, श्री कृष्णदेवराय विश्वविद्यालय सहित कई अन्य संबद्ध कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों आदि में जनमत संग्रह आयोजित किया गया. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने देश भर के सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों में एक राष्ट्रव्यापी 'यंग इंडिया रेफरेंडम' आयोजित कर रहा है. इस जनमत संग्रह का उद्देश्य 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर छात्रों और युवाओं की राय जानना था.

7 से 9 फरवरी के बीच कराया जा रहा यह जनमत संग्रह एक अखिल भारतीय हस्ताक्षर अभियान के बाद आयोजित हुआ. जिसमें छात्रों और नौकरी चाहने वाले युवाओं ने मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से उसके दस वर्षों का शासन पूरे होने पर उनसे दस प्रश्न पूछे हैं. यह अभियान सार्वजनिक वित्त पोषित उच्च शिक्षा संस्थानों के क्षरण, लोकतांत्रिक स्थानों पर हमले, असहमति की आवाजों पर हमले, शिक्षा की दुर्गमता, सम्मानजनक रोजगार की कमी सहित अन्य समस्याओं को लेकर चलाया जा रहा है.

बता दें कि सात फरवरी को इलाहाबाद विश्वविद्यालय, वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), पटना विश्वविद्यालय, बीएन मंडल विश्वविद्यालय (बिहार), ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (बिहार), दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, श्री कृष्णदेव राय विश्वविद्यालय (आंध्र प्रदेश), डॉ. अब्दुल हक उर्दू विश्वविद्यालय (आंध्र प्रदेश), बेंगलुरु विश्वविद्यालय (कर्नाटक), जादवपुर विश्वविद्यालय (कोलकाता), आईसीएफएआई विश्वविद्यालय (त्रिपुरा), हेमचंद यादव विश्वविद्यालय (छत्तीसगढ़), अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, मणिपाल विश्वविद्यालय सहित देश भर के कई अन्य संबद्ध कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में जनमत संग्रह आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया तथा अपना मतदान किया.

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