भोपाल: एम्स भोपाल (AIIMS BHOPAL) ने बच्चों के ब्लड कैंसर के मामले में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यहां 7 साल की बच्ची का सफल बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया गया है. खास बात ये है कि इस बच्ची को इसके लिए कीमोथैरेपी का दर्द नहीं झेलना पड़ा. एम्स भोपाल की इस उपलब्धि से मध्यप्रदेश में ब्लड कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के जीवन में उम्मीद की नई किरण दिखने लगी है. इस बड़ी उपलब्धि को लेकर एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ.अजय सिंह ने पूरे स्टाफ को बधाई दी है.
डोनर के रूप में रोगी के भाई को चुना गया
एम्स प्रबंधन ने बताया कि 7 वर्षीय बच्ची का सफल हापलो आइडेंटिकल बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया, जो रिलेप्स्ड एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (बाल्य रक्त कैंसर) से पीड़ित थी. यह जटिल प्रक्रिया एक महीने पहले चिकित्सा अन्कोलाजी और हीमेटोलाजी विभाग के डॉ. गौरव ढींगरा और डॉ. सचिन बंसल के नेतृत्व में की गई. बच्ची का इलाज एम्स भोपाल के बाल्य अन्कोलाजी विभाग में डॉ.नरेंद्र चौधरी की देखरेख में हो रहा था. ट्रांसप्लांट के लिए मरीज के भाई को डोनर के रूप में चुना गया, जो आधे एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) में मेल खाते थे.