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आगरा CMO समेत 6 कर्मचारियों पर अधिवक्ता के साथ मारपीट के आरोप, कोर्ट पहुंचा मामला, 10 को होगी सुनवाई - Agra advocate assault threat case

मेडिकल बोर्ड गठित होने की जानकारी न मिलने पर अधिवक्ता की बेटी की नौकरी अटक गई. मामले में वकील ने सीएमओ और उनके कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अब यह मामला कोर्ट में पहुंच चुका है.

सीएमओ ने मामले में जानकारी होने से इंकार किया है.
सीएमओ ने मामले में जानकारी होने से इंकार किया है. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 9:41 AM IST

आगरा :जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत 6 चिकित्सक व कर्मचारियों पर मारपीट का आरोप लगा है. अधिवक्ता ने मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. अब यह मामला कोर्ट में पहुंच गया है. अधिवक्ता राजेंद्र गुप्ता धीरज ने याचिका दायर कर दी है. कोर्ट ने बयान दर्ज कराने के लिए 10 अक्तूबर की तारीख तय की है.

मामला 27 अगस्त 2024 का बताया जा रहा है. कोर्ट में दायर वाद के मुताबिक वादी अधिवक्ता राजेंद्र गुप्ता धीरज का आरोप है कि, 24 अगस्त की शाम 5.30 बजे के करीब वह अपने साथी योगेंद्र कुमार के साथ अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आगरा मंडल कार्यालय में मेडिकल बोर्ड गठित होने की सूचना लेने पहुंचे थे. कार्यालय पर मौजूद लिपिक सुशील पांडे से बात हुई. उन्होंने बताया कि अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निरीक्षण करने के लिए मथुरा गए हैं.

राजेंद्र गुप्ता का आरोप कि पुत्री गर्विता राज का मेडिकल कराने में 2 माह का समय लग गया. मेडिकल बोर्ड गठित होने की सूचना उन्हें नहीं दी गई. इसकी वजह से पुत्री की नौकरी की फाइल पुलिस कार्यालय में अटकी पड़ी है. जबकि, सीएमओ कार्यालय के बाबू मनीष निगम से बात हुई तो उन्होंने बताया कि सीएमओ ने 13 अगस्त को मेडिकल बोर्ड गठित करके अभ्यर्थियों को मेडिकल के लिए बुलाया था. उस दौरान गर्विता मेडिकल कराने नहीं पहुंची, इसलिए मेडिकल नहीं हो सका.

अधिवक्ता राजेंद्र गुप्ता धीरज का आरोप कि वह और उनके साथी योगेंद्र कुमार वहां पर कर्मचारियों से बातचीत कर रहे थे. तभी अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आगरा मंडल की कार कार्यालय आई. वह कार से उतर कर अंदर चले गए. जब अपनी समस्या और शिकायत कराने के लिए मुलाकात करने का प्रयास किया तो कर्मचारियों ने इंकार कर दिया. इसके बाद जब वह घर लौटने लगे तो पीछे से आए सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव, डिप्टी सीएमओ डॉ. नंदन सिंह, भाग्यश्री और बाबू मनीष निगम ने रोक लिया. मुझे गालियां दीं. विरोध पर मारपीट की. इसके साथ ही जान से मारने की धमकी दी. इसलिए, मैंने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में वाद दायर किया है.

वहीं मामले में सीएमओ का कहना है कि मुझे कोर्ट में वाद दायर करने के संबंध में जानकारी नहीं है. कोर्ट से जैसा भी आदेश मिलेगा, उस हिसाब से वहां जाकर अपनी बात रखी जाएगी.

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