जयपुर:राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) बोर्ड के खिलाफ चल रहे पीएचईडी के इंजीनियर और कर्मचारियों का आंदोलन शनिवार को सरकार से वार्ता सफल होने के बाद स्थगित कर दिया गया. वार्ता के बाद यह निर्णय किया गया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) के सभी इंजीनियर और कर्मचारी राजस्थान सेवा नियमों के तहत राज्य सरकार के अधीन रहेंगे. वे प्रतिनियुक्ति पर बोर्ड के लिए कार्य करेंगे. उन्हे वेतन, भत्ते एवं अन्य आर्थिक लाभ पीएचईडी विभाग ही देगा.
राज्य सरकार ने जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग का निजीकरण करने का निर्णय किया था और इसके तहत नए सिरे से राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन बोर्ड का गठन करने का फैसला किया था. इसके लिए पीएचईडी की सभी इंजीनियरों और कर्मचारियों की सेवाएं आरडब्ल्यूएसएससी को हस्तांतरित की जानी थी. इसलिए पीएचईडी के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आरडब्ल्यूएसएससी को लेकर मोर्चा खोल दिया था और 22 जुलाई से लगातार इसे लेकर आंदोलन कर रहे थे. उन्हें आशंका थी कि बोर्ड के अधीन सेवाएं करने से उनके वेतन और भत्तों पर संकट उत्पन्न हो सकता है.
संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक भवनेश कुलदीप ने बताया कि वार्ता में वित्त विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि पीएचईडी के इंजीनियर और कर्मचारी राज्य सरकार के ही अधीन रहेंगे. इन्हें पद समाप्त कर कर बोर्ड को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा. सभी इंजीनियरों और कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर बोर्ड के लिए काम करने के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि आरडब्ल्यूएसएससी एक्ट-1979 के क्लॉज-23 में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियंताओं एवं कार्मिकों की सेवाएं सरप्लस घोषित कर बोर्ड के अधिकारी व कार्मिक बनाए जाने का प्रावधान है. इस नियम को निरस्त कर विभाग के अभियंताओं एवं कार्मिकों की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर ही लेने का प्रावधान करने के लिए आवश्यक संशोधन एक्ट में किया जाएगा. इसके लिए विभाग प्रस्ताव बनाकर भेजेगा.