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UGC की छूट के बाद स्नातक कोर्स वाले छात्रों ने किया तीन साल के कोर्सेज को चार साल करने की मांग, जानें क्या होगा फायदा - UGC DU STUDENT DEMAND CCFUGPS

दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन साल के स्नातक कोर्स वाले छात्र यूजीसी की छूट के बाद इन कोर्सेज को चार साल का करने की मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि कॉलेज में इस तरह के 17 कोर्स चल रहे हैं. इन कोर्सेज को चार साल का कर दिया जाए तो छात्रों को फायदा होगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 10, 2024, 4:55 PM IST

तीन साल के कोर्सेज को चार साल करने की मांग

नई दिल्लीःदिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुछ कॉलेज के छात्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा 2021 में संचालित कुछ कोर्सेज को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत चार वर्ष का करने की पहल के बाद इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं. डीयू के दक्षिणी परिसर के कॉलेज आत्माराम सनातन धर्म (एआरएसडी) के छात्रों का कहना है कि कॉलेज में इस तरह के 17 कोर्स चल रहे हैं. इन कोर्सेज को अगर वर्ष 2021 के सत्र में चार साल का कर दिया जाए तो छात्रों को बड़ा फायदा होगा. इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए डीयू छात्र संघ को भी एक मेमोरेंडम सौंपा है. इस मेमोरेंडम कॉलेज के करीब 150 छात्रों के हस्ताक्षर हैं.

इन कोर्सेज पर लागू हो सकता है चार साल का नियम:बी.कॉम, बी.कॉम. (ऑनर्स), बीए प्रोग, बी. ए. (ऑनर्स) अंग्रेजी, बी.ए. (ऑनर्स) हिंदी, बी. ए. (ऑनर्स) इतिहास, बी. ए. (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान, बी. ए. (ऑनर्स) अर्थशास्त्र, बी.एससी. (ऑनर्स) भौतिकी, बी.एससी. (ऑनर्स) रसायन विज्ञान, बी.एससी. (ऑनर्स) गणित, बी.एससी. (ऑनर्स) इलेक्ट्रॉनिक्स, बी.एससी. (ऑनर्स), कंप्यूटर साइंस, बी.एससी. (प्रो.) भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, बी.एससी. (प्रोग.) भौतिक विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, बी.एससी. (प्रो.) भौतिक विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, बी.एससी. (प्रोग.) एप्लाइड फिजिकल साइंस और इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री.

इसे लागू करने से छात्रों को क्या होगा फायदा:एआरएसडी कॉलेज में बी.ए. प्रोग्राम के छात्र प्रांजल श्रीवास्तव ने बताया कि डीयू में वर्ष 2022 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू हो गई है. 2022 के बाद जो भी दाखिले हुए हैं वे सभी चार साल के कोर्स में हुए हैं. हमारा बैच 2021 का बैच है. इसलिए उस समय सभी कोर्स तीन साल के थे, जिसके कारण एनईपी के तहत हुए बदलाव का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग है कि जब यूजीसी ने इस तरह के बदलाव को मंजूरी दे दी है तो इसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाए. जिससे छात्रों को चार साल का कोर्स करने से आगे आईआईटी या अन्य संस्थानों में जहां मास्टर्स के लिए स्नातक में चार साल के कोर्स की मांग होती है वह पूरी हो सके. इसके अलावा, चार साल में स्नातक होने से छात्रों को परास्नातक के लिए दो साल की जगह एक साल का समय ही देना होगा.

इसके अलावा अगर कोई छात्र एक साल, दो साल या तीन साल के बाद बीच में ड्रॉप लेना चाहेगा तो उसे ड्रॉप लेने में आसानी होगी. साथ ही एक साल की पढ़ाई के बाद उसे डिप्लोमा, दो साल के बाद एडवांस डिप्लोमा और तीन साल के बाद स्नातक की डिग्री मिलेगी. ड्रॉप के बाद वो जब आगे की पढ़ाई शुरू करना चाहेगा तो उसे एनईपी के तहत आगे अपनी छूटी हुई पढ़ाई उसी स्तर से शुरू करने का मौका मिल सकेगा, जिस स्तर पर उसने छोड़ी थी.

क्या है यूजीसी का नया नोटिस:पिछले महीने यूजीसी ने नोटिस जारी कर कहा था कि छात्रों के लाभ के लिए यूजीसी स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम और क्रेडिट फ्रेमवर्क में दिए गए प्रावधान को दोहराता है. जो छात्र पुराने नियम के अनुसार तीन साल के स्नातक कोर्स में पहले से ही नामांकित हैं और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अनुसार यूजी प्रोग्राम कर रहे हैं. वे 4-वर्षीय करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (सीसीएफयूजीपीएस) स्नातक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए पात्र हैं. संबंधित विश्वविद्यालय उन्हें 4-वर्षीय कोर्स में स्थानांतरित करने के लिए ब्रिज पाठ्यक्रम (ऑनलाइन पाठ्यक्रम सहित) प्रदान कर सकते हैं.

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