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शासन की नोटिंग से बैक फुट पर आई सरकार, राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल को हटाने के आदेश - RTR director Rahul removed

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 4, 2024, 12:56 PM IST

Order to remove Rajaji Tiger Reserve director Rahul उत्तराखंड वन विभाग में शासन की एक नोटिंग ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया है. मामला राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पद पर आईएफएस राहुल की तैनाती का है. जिस पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने विपरीत नोटिंग कर राहुल को निदेशक बनाने पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था. इसके बाद मामला विवादों में आ गया और इन्हीं चर्चाओं के बीच राहुल को अब निदेशक पद से हटाने के आदेश हो गए हैं.

Rajaji Tiger Reserve director Rahul
उत्तराखंड वन विभाग समाचार (Photo- ETV Bharat)

देहरादून: राजाजी टाइगर रिजर्व में राहुल को निदेशक पद पर तैनाती के लिए सरकार स्तर पर चल रहे विचार को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब 19 जुलाई को सचिव आरके सुधांशु ने ऑनलाइन नोटिंग करते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पातन मामले का जिक्र कर विपरीत नोटिंग की. इसी के बाद कई दिनों तक राजाजी टाइगर रिजर्व में किसी को पोस्टिंग नहीं हो पाई और धर्म सिंह मीणा को अतिरिक्त चार्ज देने पर फाइल आगे बढ़ गई.

शासन की नोटिंग से बैक फुट पर आई सरकार: हालांकि अचानक सरकार ने फिर से राहुल को ही निदेशक बनाने पर विचार शुरू कर दिया और सीएम धामी के अनुमोदन के बाद राहुल को निदेशक बना भी दिया गया. इसके बाद तैनाती को लेकर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की पूर्व में की गई वहीं नोटिंग चर्चाओं में आ गई और अब इस मामले में सरकार को बैकफुट पर भी आना पड़ा है.

आरटीआर निदेशक राहुल को हटाने के हुए आदेश: शासन स्तर पर जारी आदेश के अनुसार 3 सितंबर को राहुल ने राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पद से खुद को हटाने की इच्छा जाहिर की, जिसके बाद शासन द्वारा उन्हें हटाने के आदेश जारी किए गए हैं. जारी किए गए आदेश के अनुसार अब राहुल को उनके निदेशक पद से अवमुक्त कर दिया गया है और फिर से पूर्व की जिम्मेदारियां को उन्हें सौंप दी गयी है. मुख्य वन संरक्षक अनुकरण मूल्यांकन आईटी और आधुनिकीकरण के पद पर अब राहुल काम संभालेंगे.

एक हफ्ते में दो बार किसी अधिकारी को हटाया: उत्तराखंड वन महकमे में पिछले एक हफ्ते के दौरान दो बार किसी अधिकारी को हटाए जाने को लेकर आदेश जारी करने पड़े हैं. इस मामले में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की नोटिंग काफी अहम रही है, क्योंकि इसी नोटिंग के सामने आने के बाद यह पूरा मामला विवादों में आ गया था.

पाखरो पर सुप्रीम कोर्ट में बहस: उधर खबर है कि पाखरो सफारी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में भी आज बहस हुई, जिसमें राहुल की तैनाती पर चर्चा हुई. इस दौरान इन्हीं दस्तावेजों को कोर्ट के सम्मुख भी रखा गया.
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