लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों माहौल काफी गर्म है. खासकर बीजेपी की बात करें तो कथित रूप से संगठन बनाम सरकार और नेता V/s अफसर की खींचतान जारी है. इन दिनों यह भी देखने को मिल रहा है कि भाजपा के सहयोगी छोटे दल के नेता उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात करने में लगे हुए हैं.
अभी दो दिन पहले सुभासपा के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर सीएम की बैठक में ना जाकर डिप्टी सीएम केशव मौर्य से मिलने के लिए पहुंच गए थे. इसके बाद अब निषाद पार्टी के अध्यक्ष और मत्स्य विभाग मंत्री डॉ. संजय निषाद केशव मौर्य से मिलने के लिए पहुंचे.
उन्होंने जनप्रतिनिधि बनाम अफसरशाही में एक नया अध्याय जोड़ दिया. कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकारी बेलगाम हैं. चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के फेक वीडियो वायरल होते रहे मगर, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने कुछ भी नहीं किया.
केशव मौर्य से उनके आवास पर मिलने पहुंचे डॉ. संजय निषाद ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकारियों ने ही बंटाधार किया है. उन्होंने एक बार फिर अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाया. कहा, अधिकारी सुनते नहीं हैं, इसलिए आरक्षण का नुकसान हो रहा है. कुछ अधिकारी की आत्मा पूर्व सरकार के लिए काम करती है. अभी कई अधिकारी बीजेपी को नुकसान पहुंचा रहे हैं. अधिकारियों पर अगर लगाम नहीं लगी तो विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है.
मोदी अमित शाह का फर्जी वीडियो अधिकारियों की वजह से चलता रहा. किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. सरवन निषाद की सुरक्षा को ले कर बात हुई है. उम्मीद है इस पर भी कुछ होगा. केशव से मुलाकात पर बोले- नुकसान में भी साथ रहना चाहिए. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान हुआ है. उस पर चर्चा हो रही कि आगे ऐसा ना हो, विपक्ष अभी भी भ्रम फैला रहा है.
उत्तर प्रदेश में अफसर और नेताओं का टकराव अब कोई नई बात नहीं रह गई है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जब से सरकार और संगठन संबंधित बयान दिया है, पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों के नेता अधिकारियों के खिलाफ हमलावर हो गए हैं.
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