नई दिल्ली: सोने की कीमत में आए उछाल के बाद अब चांदी की चमक भी तेज हो रही है. मंगलवार को राजधानी में चांदी की कीमत 96,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई. जबकि, सोमवार को प्रति किलोग्राम चांदी की कीमत 92,449 रुपये थी. वहीं मंगलवार को सोने की कीमत 75,320 रुपये पर पहुंच गई. इसके चलते ज्वेलर्स निराश है.
करोल बाग ज्वेलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्टरी राकेश सर्राफ ने बताया कि सोना और चांदी भाई बहन हैं. अगर सोने के दाम बढ़ेंगे तो चांदी की कीमतों में इजाफा होना निश्चित है. लंबे समय के बाद चांदी के अंदर इतनी तेजी आई हैं. इस बात का अनुमान पहले से था कि सोने और चांदी दोनों के रेट ऊपर जायेंगे और ऐसा ही हुआ.
मौजूदा स्थिति को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि 2024 के अंत तक सोने की कीमत 80,000 रुपये पर पहुंच जाएगी. वहीं, 2025 के अंत तक सोने की कीमत एक लाख तक पहुंच सकती है. वहीं, अभी चांदी के दाम 92,000 प्रति किलो है, जो 2024 के अंत तक सवा लाख हो सकती है. 2025 में चांदी की कीमत 1,50,000 प्रति किलो होने की आशंका है.
क्यों बढ़ रही है कीमतःराकेश सर्राफ ने बताया कि चांदी का इंडस्ट्री में इस्तेमाल बढ़ने लगा है. बीते कई वर्षों में मोबाइल में लगने वाले चिप में चांदी का इस्तेमाल बढ़ गया है. वहीं, अगर सोने का दाम बढ़ेगा तो स्वभाविक है कि चांदी के गहनों की मांग में वृद्धि आएगी. इससे भी कीमत में उछाल आता है.
युद्ध की वजह से बढ़ती है कीमतःसभी जानते हैं कि लंबे समय से रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. इससे भी सोने और चांदी की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है. राकेश ने बताया कि किसी भी युद्ध में बंदूकों और असलह बनाने वाली फैक्टरियां 24×7 चल रही हैं. ये फैक्टरियां अन्य देशों को औजार बेच रहीं हैं. युद्ध के माहौल में हर देश सुरक्षित रहना चाहता हैं. इसके लिए भारी मात्रा में औजार और असलहे ख़रीदे जा रहे हैं. आर्म्स को खरीदने के लिए डॉलर का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में जब किसी देश के पास डॉलर ज्यादा हो जाता है, तो वह उसकी हेजिंग करना शुरू कर देता है और कहीं सुरक्षित जगह इस्तेमाल करता है. जैसा अभी हाल ही में चीन ने किया था.